केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की कमेटी ने मानिकपुर खदान के विस्तार को अनुमति दी है। खदान की वार्षिक उत्पादन क्षमता में 1.4 एमटी की बढ़ोत्तरी की है। इसके साथ ही मानिकपुर खदान की वार्षिक उत्पादन क्षमता 3.5 एमटी से बढ़कर 4.9 एमटी वार्षिक हो गई है। सरकार से हरी झंडी मिलने पर एसईसीएल प्रबंधन ने राहत की सांस की है।
76 एमटी का भंडार
एसईसीएल की मानिकपुर खदान में 76.22 मिलियन टन कोयले का भंडार है। 4.9 एमटी वार्षिक खनन होने से आने वाले 16 साल तक कोयला खनन हो सकेगा। सेंट्रल माइनिंग डिजाइन एंड प्लानिंग डिजाइन इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार मानिकपुर खदान में लगभग 101 मिलियन टन कोयले का अनुमानित भंडार था। अभीतक 24. 78 मिलियन टन कोयले का खनन हो चुका है। 01 अप्रैल, 2018 की स्थिति में मानिकपुर में 76.22 मिलियन टन कोयले का अनुमानित भंडार है।
सीईसीबी को आपूर्ति
मानिकपुर खदान से छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी के कोरबा पूर्व संयत्र को कोयले की आपूर्ति की जाती है। इसके अलावा सड़क मार्ग से अलग अलग कारखानों तक कोयला पहुंचाया जाता है।
चालू वित्तीय वर्ष में एसईसीएल को मानिकपुर खदान से 3.5 एमटी कोयला खनन की अनुमति थी। लक्ष्य को कंपनी ने दो दिन पूर्व प्राप्त किया है। इसके बाद कोयला खनन बंद हो गया है।
आउट सोर्सिंग पर खनन
मानिकपुर एसईसीएल का पहला ऐसा खदान है जहां 95 फीसदी कार्य आउट सोर्सिंग पर कराया जा रहा है। खनन से लेकर परिवहन और मिट्टी उत्खनन का काम ठेका कर्मी करते हैं।
-खदान से 1.4 मिलियन टन उत्पादन बढ़ाने की मंजूरी मिली है। माह के अंत तक कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद खनन चालू होगा। मिट्टी उत्खनन का कार्य चल रहा है। -इंद्रजीत सिंह, उप महाप्रबंधक, मानिकपुर