scriptप्लास्टिक थैलियों में पैक मेडिकल वेस्ट 100 बेड के पीछे डंप, प्रबंधन की लापरवाही | Medical waste packed in plastic bags dumped behind 100 bed in hospital | Patrika News

प्लास्टिक थैलियों में पैक मेडिकल वेस्ट 100 बेड के पीछे डंप, प्रबंधन की लापरवाही

locationकोरबाPublished: Dec 10, 2020 02:58:11 pm

Submitted by:

CG Desk

– बहाना: जनरल वेस्ट है, निगम से गाड़ी नहीं आ रही इसलिए समस्या- हकीकत: निगम से रोज गाड़ी जा रही, प्रबंधन झूठा दावा कर रहा

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कोरबा . जिला अस्पताल मेे जनरल वेस्ट का निष्पादन नहीं हो रहा है, अस्पताल के पीछे कचरे का ढेर लगते जा रहा है। 50 से अधिक प्लास्टिक में कचरा डंप है। इनमें मेडिकल वेस्ट भी फेंक दिया गया है। बदबू से लोग परेशान है। उसके बाद भी किसी तरह की साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
आईएसओ प्रमाणित जिला अस्पताल के सामने भले कितनी साफ-सफाई रखी जाती हो, लेकिन अस्पताल के पीछे डंप कचरे से प्रबंधन की पोल खुल जा रही है। अस्पताल प्रबंधन का तर्क है कि यह कचरा जनरल वेस्ट है। जिसका परिवहन नगर निगम द्वारा किया जाता है। निगम से गाड़ी नहीं आने की वजह से कचरा उठ नहीं पा रहा है। जबकि हकीकत ये है कि बायोमेडिकल वेस्ट के लिए पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा नियोजित कंपनी से करार है। जबकि जनरल वेस्ट के निष्पादन का काम खुद अस्पताल प्रबंधन को करना है। अस्पताल की सफाई से लेकर निकलने वाले कचरे का उठाव और उसका निष्पादन करना है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इसे लेकर गंभीर नहीं है। अस्पताल के पीछे जनरल और बायोमेडिकल वेस्ट के लिए दो शेड बनाए गए हैं। दोनों ही शेड भर चुके हैं। स्थिति ये है कि अब कर्मी बाहर ही फेंककर चले जाते हैं। ये कचरा उड़कर मर्च्यूरी और सड़क तक पहुंच जाता है।
– प्रबंधन का झूठ प्लास्टिक से आ रहा बाहर
प्रबंधन का दावा है कि यह सिर्फ जनरल वेस्ट है, लेकिन सच्चाई है कि इसमें से ज्यादातर प्लास्टिक में मेडिकल वेस्ट भी है। कई प्लास्टिक फेंकने के दौरान फंट चुके हैं। फंटने के बाद खून लगे कर्टन, पट्टी समेत तमाम मेडिकल वेस्ट यहां डंप किए गए हैं। जो कि संक्रमण के लिहाज से बेहद खतरनाक है। प्रबंधन की यह बड़ी लापरवाही है।
– निगम ने कहा जनरल वेस्ट के लिए हर दिन गाड़ियां जा रही
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि निगम से गाड़ियां नहीं आ रही है इसलिए जनरल वेस्ट का उठाव नहीं हो रहा है। जबकि निगम का कहना है कि हर दिन गाड़ी अस्पताल जा रही है। जनरल वेस्ट इस तरह प्लास्टिक में नहीं होता है। रोजमर्रा की गंदगी को उठाव कर डंप किया जा रहा है। ऐसे में स्पष्ट है कि जो कचरा डंप है वह मेडिकल वेस्ट है ना कि जनरल वेस्ट।
– 200 मीटर में अस्पताल क्वार्टर, कर्मी खुद परेशान
जिस जगह पर कचरा फेंका जा रहा है, वहां से अस्पताल क्वार्टर महज दो सौ मीटर की दूरी पर ही है। लोग यहां-वहां पड़े हुए मेडिकल वेस्ट से खुद परेशान रहते हैं। कई बार यह भी शिकायत सामने आ चुकी है जब वेस्ट को पास ही जला दिया जाता है। उसकी बदबू से लोग परेशान रहते हैं। इसकी शिकायत भी की जा चुकी है।
– इधर बायोमेडिकल वेस्ट उठाने वाली कंपनी भी कर रही खानापूर्ति
इधर बायोमेडिकल वेस्ट उठाने वाली कंपनी भी जमकर खानापूर्ति कर रही है। पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा इन्वायरों फर्म का ठेका समाप्त करने वाली है। रायपुर से दूसरी कंपनी को काम दिया गया है। हालांकि कोरोनाकाल के बाद वह कंपनी काम शुरु करेगी। तब तक पुरानी कंपनी ही काम कर रही है। इसलिए कंपनी द्वारा काम में रुचि नहीं ली जा रही है। कई जगह से कचरा नहीं उठने की भी बात सामने आ चुकी है।
– इन्सीनरेटर मशीन लगने के बाद ये समस्या होगा खत्म
आए दिन अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को लेकर शिकायतें सामने आती है। इनवायरों कंपनी को मशीन लगाने को कहा गया था। कंपनी ने मशीन लगाने से मना कर दिया। कंपनी ने कोरबा से हर दिन कचरा बिलासपुर ले जाकर निष्पादन करने की बात कही। इसपर पर्यावरण संरक्षण मंडल ने मना कर दिया। बरबसपुर में पुराने तरीके से कचरे का निष्पादन किया जा रहा है।नई कंपनी को मशीन लगाना होगा। मशीन लगने से यह समस्या खत्म हो जाएगी।
डंप कचरा मेडिकल वेस्ट नहीं ब्लकि जनरल वेस्ट है, निगम से गाड़ियां नहीं आने की वजह से कचरा नहीं उठ रहा है। जल्द उठवाने का प्रयास किया जाएगा।
– डॉ अरूण तिवारी, सिविल सर्जन, जनरल वेस्ट
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