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दूध की कमी से बच्चों का ना घट जाए इम्युनिटी पॉवर, यह सोच साइकिल से ग्राहकों तक निकल पड़ता है दूध विक्रेता

locationकोरबाPublished: Apr 25, 2020 12:45:48 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

Readl India Campaign: दूध विक्रेता कोरोना के इस संकंट में भी अपने ग्राहकों को नहीं होने दे रहा दूध की कमी का एहसास

दूध की कमी से बच्चों का ना घट जाए इम्युनिटी पॉवर, यह सोच साइकिल से ग्राहकों तक निकल पड़ता है दूध विक्रेता

दूध की कमी से बच्चों का ना घट जाए इम्युनिटी पॉवर, यह सोच साइकिल से ग्राहकों तक निकल पड़ता है दूध विक्रेता

कोरबा. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने एक माह से लॉकडाउन है। लोगों का घर से बेवजह बाहर निकलना मना है। वहीं प्रशासन ने आवश्यक सामग्री की बिक्री व खरीदी के लिए समय निर्धारित किया है। संकट की इस घड़ी में भी छोटे व्यवसायी दूध विक्रेता अपने ग्राहकों को दूध की कमी का एहसास नहीं होने दे रहा है। दूध विक्रेता सुबह के दो घंटे में ग्राहकों तक दूध पहुंचा रहा है। दूध विक्रेता के अलावा अन्य छोटे व्यवसायी जैसे सब्जी विक्रेता, राशन दुकान संचालक, फल विक्रेता भी लोगों को आवश्यक सामग्री की पूर्ति करने में जुटे हुए हैं।
दूध विक्रेता हो, सब्जी विक्रेता हो या फिर राशन दुकान संचालक ये सभी अपनी जान जोखिम में डालकर ग्राहकों तक आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं। ये सभी छोटे व्यवसायी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मास्क व सेनेटाइज आदि का इस्तेमाल करते हुए अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं। साथ ही दूध विक्रेता दूध बेचने के दौरान सोशल डिस्टेसिंग का भी विशेष ख्याल रख रहे हैं।
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जिला प्रशासन ने दूध विक्रेताओं को सुबह के समय दूध बेचने के लिए निर्धारित दो घंटे का समय दिया है। इतने कम समय में लोगों के घर-घर जाकर वे दूध बांट रहे हैं। लेटलतीफी होने पर कई बार पुलिस की सख्ती का भी सामना करना पड़ता है। दूध विक्रेताओं का कहना है कि प्रशासन ने सुबह का समय दूध बेचने के लिए समय तो निर्धारित कर दिया है, लेकिन शाम को दूध बेचने की अनुमति नहीं दी गई है। इस वजह से शाम के ग्राहकों तक दूध नहीं पहुंचा पा रहे हैं। इससे दूध बच रहा है और काफी नुकसान भी हो रहा है।
दूध विक्रेता कमलेश सिंह ने बताया कि सामान्य दिनों में प्रतिदिन सुबह-शाम 15 ग्राहकों तक दूध पहुंचाता था। लाकडाउन के बाद से शाम को दूध बेचने पर रोक लगा दी गई है। इस वजह से शाम वाले ग्राहकों तक दूध नहीं पहुंचा पा रहा हूं।
वहीं सुमित यादव ने बताया कि सुबह के दो घंटे का समय दिया गया है। इतने कम समय में साइकिल चलाकर ग्राहकों के घर तक पहुंचाना पड़ रहा है। बच्चों की इम्युनिटी पॉवर दूध की कमी से घट ना जाए, यह सोचते हुए हर रोज सुबह समय पर अपने ग्राहकों तक दूध पहुंचाता हूं। सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल रखता हूं।
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