विशेषज्ञ डॉक्टरों की भी कमी
हाइवे से लगे इन दोनों ही प्रमुख चिकित्सालयों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी बनी हुई है। स्थिति ये है कि जरा भी गंभीर मरीज अस्पताल पहुंचते हैं। उनकी प्राथमिकी इलाज के बाद जिला अस्पताल भेज दिया जाता है। सड़क हादसे में घायल, भालू के हमले से घायल समेत सभी तरह के गंभीर केस का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में नहीं हो पा रहा है।
बीते दो साल में पाली और बांगो थाना क्षेत्र में सड़क हादसे में सौ लोगों से अधिक लोगों की जान चली गई है। 75 लोग गंभीर रुप से घायल हो गए। दोनों ही क्षेत्रों में दो साल के भीतर 180 सड़क हादसे के प्रकरण बने। 2021 में बांगो थाना क्षेत्र में करीब 40 लोगों की मौत हुई है। वहीं 23 लोग घायल हो गए।
हाइवे होने की वजह से सड़क हादसे के शिकार जिले व प्रदेश के बाहर लोग भी होते हैं। जिन्हें अस्पताल की जानकारी नहीं होती। नजदीकी अस्पताल पहुंचने के बाद जिला अस्पताल की जानकारी तक उनके पास नहीं होती। कई बार ये स्थिति सामने आई है जब एंबुलेंस नहीं होने पर खुद के वाहन से जाना पड़ता है। गंभीर स्थिति में मरीज को लाने के बाद भी एक जगह इलाज नहीं मिल पाता।
पाली थाना क्षेत्र में घायल होने के बाद मरीज व परिजन कोरबा शहर आने की बजाए बिलासपुर जा रहे हैं। दरअसल कोरबा से कम दूरी बिलासपुर पड़ती है। साथ ही एम्स समेत अन्य बड़े अस्पताल में बेहतर इलाज मिलने की वजह से लोग कोरबा नहीं आते। हालांकि बिलासपुर पहुंचने में भी कम से कम एक घंटे का समय लग जाता है।
वर्जन
दोनों ही अस्पतालों में मिनी ट्रामा सेंटर तैयार किए जाएंगे। लोगों को सारी सुविधा मिले इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।
डॉ बी बोर्डे, सीएमएचओ, कोरबा