जुगाड़ के कॉलेज व उधार के संसाधन से लहलहाएंगी कृषि वैज्ञानिकों की नई पौध!
- अधिकारी बोले जाओ जांजगीर, विधायक बोल रहे व्यवस्था करो आईटी कॉलेज में

कोरबा. २५ छात्रों ने एग्रीकल्चर कॉलेज कोरबा मेंं दाखिला लिया है, लेकिन यहां तो न उनके पढऩे के लिए भवन है और न ही पढ़ाने वाले शिक्षक हैं। लिहाजा इन २५ छात्रों को जांजगीर-चांपा के एग्रीकल्चर कॉलेज में मर्ज कर दिया गया है। अब रोज छात्र सुबह के समय कोरबा में जगते हैं और दौड़ते भागते जांजगीर पहुंचते हैं। फिलहाल छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पूर्व की सरकार ने प्रदेश में एक साथ ७ नए कृषि महाविद्यालयों की स्वीकृति दी थी। इसमें कोरबा एग्रीकल्चर कॉलेज भी शामिल है। स्वीकृति के बाद इसके संचालन को लेकर मुख्यालय ने ध्यान नहीं दिया। इसी बीच एडमिशन शुरू हो गया। काउंसिलिंग के बाद कोरबा एग्रीकल्चर कॉलेज में २५ छात्रों ने एडमिशन लिया। जब पढ़ाई की बारी आई तो कॉलेज के नाम पर कोरबा में कोई सुविधा थी ही नहीं। अधिकारियों ने मुख्यालय से मार्गदर्शन मांगा तो कहा गया कि नजदीकी एग्रीकल्चर कॉलेज में मर्ज कर दिया जाए। लिहाजा कोरबा से सबसे पास जांजगीर एग्रीकल्चर कॉलेज में २५ छात्रों को मर्ज कर दिया गया। पिछले छह माह से ये छात्र जांजगीर के कॉलेज में पढ़ रहे हैं। भले उनके रिकार्ड में कोरबा कॉलेज का नाम चल रहा है लेकिन उनको जांजगीर की दौड़ लगानी पड़ रही है।
लखनपुर में ७० एकड़ जमीन चिन्हित, कह रहे हैं कि डवलप होगा कृषि हब, चल रही है तैयारी
लखनपुर को ही अब प्रशासन द्वारा पूरी तरह से कृषि हब के तौर पर तैयार करने की तैयारी कर ली गई है। गौरतलब है कि पहले से ही लखनपुर में कृषि विज्ञान केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। अब इसी जगह पर कृषि महाविद्यालय की नींव रखी जाएगी। प्रशासन ने लखनपुर में ही लगभग ७० एकड़ जमीन चिन्हित कर लिया है। सरकार ने इसके लिए स्वीकृति भी दे दी है। भवन के साथ बजट के लिए अब तैयारी की जा रही है।
पाली तानाखार विधायक ने वैकिल्पक व्यवस्था आईटी कॉलेज में करने की मांग रखी
इधर पाली तानाखार विधायक मोहित केरकेटट ने पिछले दिनों हुई बैठक में मांग रखी कि जब तक नया भवन नहीं बन जाता। तब तक छात्रों को जांजगीर चांपा की बजाएं कोरबा में ही वैकिल्पक व्यवस्था के तहत पढ़ाया जाए। झगहरा स्थित आईटी कॉलेज में पर्याप्त जगह है। यहां तक की हॉस्टल की भी पूरी सुविधा है। छात्रों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। लेकिन इसपर एक पेंच फंस गया कि सेटअप कहां से लाया जाएगा। वर्तमान में जांजगीर के ही सेटअप से काम चलाया जा रहा है। इसलिए अभी इसपर मुहर नहीं लग सकी है।
कॉलेज में सेटअप के लिए अब तक कोई तैयारी नहीं
एग्रीकल्चर कॉलेज में बीएससी एग्रीकल्चर के लिए अब तक किसी प्रकार का सेटअप की तैयारी नहीं है। छात्र इसी को लेकर सवाल उठा रहे हैं कि दर्ज संख्या कम है कटघोरा या फिर कोरबा के किसी भी कॉलेज के भवन में पढ़ाई हो सकती है। अगर सेटअप की भर्ती समय पर कर ली गई होती तो किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती। इधर छात्रों को अब इसकी भी चिंता सता रही है कि हमें कोरबा मेंं कब से सुविधा मिलेगी। भवन बनने से लेकर सेटअप की भर्ती में कम से कम डेढ़ साल लग जाएगा।
वर्तमान में कोरबा एग्रीकल्चर कॉलेज के छात्र जांजगीर के कॉलेज में पढ़ रहे हैं। लखनपुर में ७० एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है। भवन व सेटअप को लेकर प्रक्रिया चल रही है।
रिषि महोबिया, कृषि विज्ञान केन्द्र
पूर्व की सरकार ने कॉलेज की स्वीकृति दी लेकिन भवन व अन्य सुविधा देना भूल गए। छात्रों को जांजगीर चांपा जाना पड़ रहा है। हमारी मांग है कि आईटी कॉलेज में वैकिल्पक तौर पर इसका संचालन हो।
मोहित केरकेटट, विधायक, पाली तानाखार
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