कोरबा

खाते में नहीं थे पैसे, थमा दिया 1.74 लाख का चेक, हो गया बाउंस, अब मिली दो साल की सजा

खाते में पैसे नहीं होने के बाद भी एक लाख 74 हजार का चेक देने और उसके बाउंस होने पर न्यायालय में दो साल की सजा सुनाई है

कोरबाJan 16, 2019 / 09:18 pm

Shiv Singh

खाते में पैसे नहीं होने के बाद भी एक लाख 74 हजार का चेक देने और उसके बाउंस होने पर न्यायालय में दो साल की सजा सुनाई है

कोरबा. चेक बाउंस के एक मामले में कोर्ट ने दोषी को दो साल साधारण कारावास की सजा दी है। इसके अलावा दोषी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। ऐसे में ये सजा उन लोगों के लिए एक नसीहत होगी जिनके खाते में पैसे नहीं होते हैं इसके बाद भी चेक काटकर सामने वाले को मूर्ख बनाया जाता है।
इस संबंध में अभियोजन पक्ष ने बताया कि गांधी चौक रायपुर में रहने वाले जीवन लाल चौधरी को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने दो साल साल साधारण कारावास की सजा सुनाते हुए 10 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है। ज्ञानेशचन्द्र सिडिकेट बैंक की कोरबा शाखा में प्रबंधक के तौर पर कार्यरत थे। जीवन लाल उनके अधीन भृत्य था। बैंक से जीवन लाल ने दो लाख रुपए कर्ज लिया था।
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इसके बाद मई 2014 में त्याग पत्र दे दिया था। बैंक लोन लौटाने के लिए उसने प्रबंधन से कर्ज लिया था। इसे लौटाने का वादा किया था। बाद में जीवन लाल की नीयत बदल गई। उसने एक लाख 74 हजार रुपए का चेक ज्ञानेश चन्द्र को दिया था। खाते में राशि नहीं होने से चेक बाउंस हो गया। जीवन लाल ने पैसे नहीं लौटाए। मामला कोर्ट पहुंचा। इसकी सुनवाई सीजेएम कोर्ट में चल रही थी। न्यायाधीश ने जीवन लाल को चेक बाउंस का दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है।
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