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पहले पति से हुई दूर फिर अपने दो बच्चों को मुक्तिधाम में छोड़ नए प्रेमी के संग भागी महिला, मासूम पहुंचे मातृछाया

locationकोरबाPublished: Jun 23, 2019 11:23:26 am

Submitted by:

Vasudev Yadav

नि:स्वार्थ प्यार को परिभाषित करना हो तो मां का अपने संतान के प्रति ममता की मिसाल दी जाती है। लेकिन जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे मां की ममता भी कठघरे में है। जिसे सुन बाल कल्याण समिति के अनुभवी सदस्य भी हैरान हंै।

पहले पति से हुई दूर फिर अपने दो बच्चों को मुक्तिधाम में छोड़ नए प्रेमी के संग भागी महिला

लव मैरिज के बाद पति-पत्नी हो गए अलग, बच्चों को छोड़ मां भी दूसरे प्रेमी के साथ भागी, अब अनाथालय में बच्चे

कोरबा. लव मैरिज के बाद पति-पत्नी अलग-अलग हो गए और अब मां ने पति के बाद दो बच्चों को भी मुक्तिधाम में छोड़ अपने नए प्रेमी के साथ नौ दो ग्यारह हो गई है। मां अपने ही पांच वर्ष की बेटी और ढाई वर्ष के मासूम बेटे को छोड़ गई है। सबसे बड़ी त्रासदी बच्चों के साथ हुई है। अंतरजातीय विवाह होने के कारण अब बच्चे के नाना-नानी भी उन्हें रखना नहीं चाहते।
दरअसल वह अपनी माली हालत ठीक नहीं होने का भी हवाला दे रहे हैं। जिसके कारण फिलहाल बच्चों को मातृछाया के सुपुर्द कर दिया गया है। जहां बच्चे सुरक्षित हैं। बच्चों के नाना-नानी ने ही इस पूरे मामले की जानकारी बाल कल्याण समिति व महिला बाल विभाग के अधिकारियों को दी है।
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अधिकारिक जानकारी के अनुसार बच्चों की मां ने भागकर अंतरजातीय प्रेमविवाह किया था। दो बच्चों का भी जन्म हुआ, लेकिन पति के आदतन शराबी होने के कारण रिश्ते में कड़वाहट घुल रही थी। अंतत: पति ने अपनी पत्नी और दो बच्चों को छोड़कर अपने रास्ते अलग कर लिए। जिसके बाद दोनों बच्चों की परवरिश मां अकेले कर रही थी। अब वह भी बच्चों को छोड़कर नए प्रेमी के साथ फरार हो गई है। जिससे बच्चों के सिर से मां और पिता दोनो का हाथ उठ गया है।
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समिति को मां की तलाश
बाल कल्याण समिति भी इस मामले को लेकर उलझन में है। फिलहाल बच्चों को मातृछाया में रखकर वह पुलिस के माध्यम से बच्चों कि मां को तलाश रही है। चूंकि नाना-नानी ने पूरी कहानी बताकर बच्चों की परवरिश से हाथ पीछे खींच लिया है। इसलिए मां को तलाश कर समिति शपथपत्र लेना चाहती है कि अब उसका बच्चों से कोई वास्ता नहीं है, जिन्हें कोई भी गोद ले सकता है। जिसके बाद बच्चों को मातृछाया में ही रखा जा सके।

– बच्चे फिलहाल मातृछाया में सुरक्षित हैं। अंतरजातीय विवाह होने के कारण नाना-नानी बच्चों को रखने तैयार नही हैं। इसलिए मां से शपथ पत्र मिल जाए तो बच्चों को मातृछाया में रही रखा जाएगा- मधु पांडे, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति
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