जमीन के बदले नहीं मिली धजाराम के पुत्र को नौकरी
जमीन के बदले नौकरी की पात्रता होने के बाद भी धजाराम को कंपनी ने काम नहीं दिया। इस बीच उनकी मौत हो गई। दिव्यांग होने से कंपनी ने धजाराम के पुत्र को नौकरी के लिए अपात्र घोषित कर दिया। तब तक तीन बेटियों की शादी हो गई थी।
जमीन के बदले नौकरी की पात्रता होने के बाद भी धजाराम को कंपनी ने काम नहीं दिया। इस बीच उनकी मौत हो गई। दिव्यांग होने से कंपनी ने धजाराम के पुत्र को नौकरी के लिए अपात्र घोषित कर दिया। तब तक तीन बेटियों की शादी हो गई थी।
शादीशुदा बताकर बेटियों को भी रखा नौकरी से वंचित
कंपनी ने शादीशुदा बताकर तीनों बेटियों में से किसी को भी जमीन के बदले नौकरी देने से मना कर दिया। तब मैं आगे आई। मैंने नौकरी के लिए संघर्ष शुरू किया। कंपनी में चार बार आवेदन किया और कोयला कंपनी को अपनी जमीन पर कब्जा नहीं करने दिया।
कंपनी ने शादीशुदा बताकर तीनों बेटियों में से किसी को भी जमीन के बदले नौकरी देने से मना कर दिया। तब मैं आगे आई। मैंने नौकरी के लिए संघर्ष शुरू किया। कंपनी में चार बार आवेदन किया और कोयला कंपनी को अपनी जमीन पर कब्जा नहीं करने दिया।
कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
कंपनी को जब जमीन पर कब्जा नहीं मिला तो खदान विस्तार की समस्या खड़ी हो गई। कुसमंडा के तत्कालीन महाप्रबंधक निरुपमा से मिलने पहुंचे और निरुपमा को नौकरी दिए जाने की सिफारिश प्रबंधन से की। लेकिन इसे अनसुना कर दिया गया। फिर महाप्रबंधक ने कोरबा जिला प्रशासन को बताया कि खदान में महिलाएं नौकरी की पात्र नहीं हैं। तब निरुपमा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लंबी लड़ाई के बाद कोर्ट ने निरुपमा के पक्ष में फैसला दिया। कोयला कंपनी को नौकरी देने के लिए कहा। 25 साल बाद मई, 2021 में कंपनी निरुपमा को जमीन अधिग्रहण के बदले नौकरी देने को तैयार हो गई।
कंपनी को जब जमीन पर कब्जा नहीं मिला तो खदान विस्तार की समस्या खड़ी हो गई। कुसमंडा के तत्कालीन महाप्रबंधक निरुपमा से मिलने पहुंचे और निरुपमा को नौकरी दिए जाने की सिफारिश प्रबंधन से की। लेकिन इसे अनसुना कर दिया गया। फिर महाप्रबंधक ने कोरबा जिला प्रशासन को बताया कि खदान में महिलाएं नौकरी की पात्र नहीं हैं। तब निरुपमा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लंबी लड़ाई के बाद कोर्ट ने निरुपमा के पक्ष में फैसला दिया। कोयला कंपनी को नौकरी देने के लिए कहा। 25 साल बाद मई, 2021 में कंपनी निरुपमा को जमीन अधिग्रहण के बदले नौकरी देने को तैयार हो गई।