सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष टेकाम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। 23 को इस पर वोटिंग होनी है। विधानसभा चुनाव के बाद अंदरूनी तौर पर टेकाम के खिलाफ सदस्य लामबंद होने लगे थे। टेकाम के पास पहले से ही भाजपा के कम वोट हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेसी सदस्यों के क्रास वोटिंग की वजह से भाजपा जीत गई थी। वर्तमान में जिला पंचायत में कांग्रेस के पास 7 और बीजेपी के पास 5 सदस्य हैं। अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने के लिए कम से कम 9 वोट की दरकार है। कांग्रेस को अब भाजपा के दो और सदस्यों से क्रास वोटिंग कराने के लिए समीकरण बनाने लगे हैं। वहीं टेकाम भी अध्यक्ष चुनाव की तरह इस बार भी कांग्रेस के सदस्यों से क्रास वोटिंग कराने के फेर में है।
कांग्रेस के बाद अब भाजपा को अपनी साख बचाने की बारी, चल रहा है इस पर मंथन
निगम में छह माह पूर्व भाजपा द्वारा कांग्रेस के सभापति धुरपाल सिंह कंवर के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बुरी तरह से गिर गया था। खुद भाजपा के ही पार्षदों ने क्रास वोटिंग कर दी थी। इसमें कांग्रेस ने अपनी साख भी बचाई वहीं भाजपा को करारी मात भी दी। अब यही बारी जिला पंचायत में भाजपा के लिए है। कांग्रेस द्वारा लाया गए प्रस्ताव को किस ढंग से पार्टी लेती है यह अब देखने वाली बात होगी। शहर सरकार की तरह ग्रामीण सरकार के लिए यह बड़ी चुनौती होगी।
खनिज न्यास की राशि से भी सबसे अधिक काम अपने क्ष्ेात्र में
सदस्यों का ये भी आरोप है भाजपा की सरकार होने की वजह से टेकाम खनिज राशि से भी अपने क्षेत्र में अधिक कार्य स्वीकृत कराया है। वहीं भाजपा के कुछ सदस्य जो कि पोड़ी क्षेत्र से हैं उनको भी अधिक बजट दिया गया। जबकि कटघोरा, कोरबा व करतला क्षेत्र में कम फंड दिया गया। इसे लेकर सदस्यों ने सांसद से लेकर सीएम तक शिकायत की थी।
-समय पर सामान्य सभा की बैठक नहीं रखी जाती है। बैठक में पारित प्रस्ताव पर काम अटके हुए हैं। जब भी बजट की पारी आती है तो अध्यक्ष अपने क्षेत्र में अधिक काम स्वीकृत करा लेते हैं। लगातार इस तरह की मनमानी की जाती रही है।
-अजय जायसवाल, उपाध्यक्ष
-हर बार नियम में रहकर ही काम कराया गया है। समय पर बैठक रखी जाती है। सभी सदस्यों को समान तौर पर महत्व दिया जाता रहा है। कुछ लोगों द्वारा जानबुझकर यह प्रस्ताव लाया गया है।
-देवीसिंह टेकाम, अध्यक्ष, जिला पंचायत