चक्कर काट रहे हैं लेकिन सब काम छोड़ कर सोसाइटी में बैठे रहते हैं लेकिन नम्बर नही आता है। किसानों ने कर्मचारियों के ऊपर यह भी आरोप लगाया कि जो बाद में पर्ची कटाता है, उसका नंबर जल्दी लगा देते है। अभी सोसाइटी में किसानों की उंगली पंचिंग के आधार एंट्री के कारण खाद वितरण में देरी हो रही है ऊपर से यूरिया खाद की कम आवक कम स्टाक के वजह से किसानों को पूर्ति नही हो पा रही है
सोहागपुर सोसाइटी के अंतर्गत कुल 13 पंचायत हैं। इन सभी पंचायतों में इसी सोसाइटी से खाद-बीज का वितरण होता है। सोसाइटी के कर्मचारी गंगा ने बताया कि आज 100 कट्टी यूरिया है और एक हजार कट्टी की डीडी कट चुका है। लेकिन किसानों की भीड़ को देखते हुए एक दिन में सौ कट्टी यूरिया ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।
Read more : जहरीले पुटू का सितम- पहले पूरे परिवार ने साथ बैठकर मजे से खाया फिर ६ सदस्यों की बिगड़ी तबियत इस वजह से खेती किसानी पिछड़ रही है। खेत में खाद डालने का समय निकलता जा रहा है। इसकी वजह से कई किसान बिचौलियों के पास मजबूरी में आने पौने दाम पर खाद खरीदने के लिए मजबूर हो रहे हैं। कई किसान खेती के वास्ते नगदी लेने के लिएबैरंग लौट गए लेकिन सबसे गंभीर बात यह है कि इन किसानों का दुख दर्द सुनने वाला कोई नहीं।
इनकी समस्या सुनने के लिए न तो कृषि विभाग के अधिकारियों के पास फुर्सत है और नही सहायक पंजीयन अधिकारी के पास। जिला सहकारी बैंक के अधिकारी भी इस समस्या का समाधान नहीं निकाल पा रहे हैं।