जनरल स्टोर में सेंधमारी, पांच हजार नकदी समेत हजारों का माल ले उड़े चोर, पुलिस की रात्रि गश्त पर उठने लगे सवाल ग्रामीणों ने कहा कि ढेलवाडीह खदान के लिए 28 साल पहले ग्राम ग्राम अरदा की जमीन अधिग्रहित हुई थी। तब प्रबंधन ने गांव में पेयजल और सड़क बनाने का वादा किया था। खदान खुली तो प्रबंधन वादा भूल किया। आज भी ग्रामीण पेयजल की किल्लत से जूझ रहे हैं। सड़क भी नहीं बनी है। 28 साल से ग्रामीणो को ठगा जा रहा है। ग्रामीणों ने एक स्वर में एसईसीएल को एनओसी देने से साफ इनकार किया। एसईसीएल के अफसरों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की पर मामला आगे नहीं बढ़ सका। बैठक में गांव के सचिव और ढेलवाडीह परियोजना के अफसर भी उपस्थित थे।
नहीं मिली अनुमति तो 700 कोयला कामगारों पर असर
ढेलवाडीह खदान में लगभग 700 कोयला कामगार काम करते हैं। एसईसीएल प्रबंधन की ओर से प्रशासन को बताया गया है कि खदान विस्तार को लेकर ग्रामसभा से अनुमति नहीं मिली तो खदान को बंद करने की नौबत आ सकती है। ग्रामसभा की बैठक में प्रशासन ने एसईसीएल को ग्रामीणों की मांग से अवगत कराया है। प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द ही एसईसीएल प्रबंधन ग्रामीणों की समस्या को दूर कर देगा। हालांकि ग्रामीणों को एसईसीएल के वादों पर भरोसा नहीं है।