बैकफुट पर कंपनी
आंदोलन से ठेका कंपनी बैकफुट पर है। उसने खदान से सभी मशीनों को निकाल लिया है। डोजर, पोकलेन और टिपर को कंपनी की कैंप में खड़ा किया गया है। कंपनी को आशंका है कि गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ हो सकती है। जबकि आंदोलनकारियों ने कंपनी की आशंका को निराधार बताया है।
ये भी है मुद्दा
बताया जाता है कि कंपनी ने पांच साल के लिए काम लिया है। १७० से अधिक लोगों को काम पर रखा है। इसमें सबसे अधिक मजदूर बाहर से हैं। इंटक एसईसीएल द्वारा निर्धारित हाई पॉवर कमेटी की बेज मजदूरों के लिए मांग रहा है।