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मानिकपुर में दूसरे दिन भी बंद रहा ओबी का काम

locationकोरबाPublished: May 21, 2019 01:02:54 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

दिनभर खड़ी रहीं पोकलेन, डोजर और टिपर, लॉयन आर्डर बिगडऩे के भय से कंपनी ने गाडिय़ों को केंप में किया खड़ा

दिनभर खड़ी रहीं पोकलेन, डोजर और टिपर, लॉयन आर्डर बिगडऩे के भय से कंपनी ने गाडिय़ों को केंप में किया खड़ा

मानिकपुर में दूसरे दिन भी बंद रहा ओबी का काम

कोरबा. रोजगार में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर दूसरे दिन भी इंटक ने मानिकपुर खदान में ओबर बडन का काम चालू नहीं होने दिया। इंटक के समर्थक रातभर गाडिय़ों के सामने बैठे रहे। आंदोलन से घबराई ठेका कंपनी ने सभी गाडिय़ों को खदान से निकालकर कैंप में खड़ा कर दिया है। गतिरोध को दूर करने की कोशिश जारी है।
एसईसीएल ठेके पर मानिकपुर खदान में कोयले की परत से मिट्टी हटाने का काम ओडि़सा की कंपनी नारायणी एंड एनसीपीसी प्राइवेट लिमिटेड को दिया है। वर्क ऑडर पर कंपनी ने खदान से मिट्टी निकालने का काम चालू किया है। लेकिन काम पर स्थानीय लोगों को नियुक्त नहीं करने से हंगामा खड़ा हो गया है। श्रमिक संगठन इंटक ने कंपनी के काम को रविवार से दोपहर से बंद करा दिया है। काम पर स्थानीय बेरोजगार युवकों को रखने की मांग पर इंटक अड़ा हुआ है। इससे खदान में ओबी का काम ठप पड़ा गया है। रविवार रातभर काम चालू नहीं हो सका। सोमवार को भी दिनभर काम बंद रहा। ठेका कंपनी की ओर से गतिरोध को सुलझाने की कोशिश की गई। इसका हल नहीं निकला।

बैकफुट पर कंपनी
आंदोलन से ठेका कंपनी बैकफुट पर है। उसने खदान से सभी मशीनों को निकाल लिया है। डोजर, पोकलेन और टिपर को कंपनी की कैंप में खड़ा किया गया है। कंपनी को आशंका है कि गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ हो सकती है। जबकि आंदोलनकारियों ने कंपनी की आशंका को निराधार बताया है।

ये भी है मुद्दा
बताया जाता है कि कंपनी ने पांच साल के लिए काम लिया है। १७० से अधिक लोगों को काम पर रखा है। इसमें सबसे अधिक मजदूर बाहर से हैं। इंटक एसईसीएल द्वारा निर्धारित हाई पॉवर कमेटी की बेज मजदूरों के लिए मांग रहा है।

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