पुतले ने फुफकारा, घुमाया सिर
रावण के ज्ञानी और विद्वान होने के बाद भी उसका अहम् समाप्त नहीं हुआ था, इसलिए उसका अंत भी हुआ। यह प्रदर्शित करने का प्रयास एचटीपीपी स्थित लाल मैदान में किया गया। राम मंदिर से वानर सेना की मनमोहक झांकी निकाली गई। करमा नृत्य मंडली ५० कलाकारों के साथ वाद्ययंत्र को बजाते निकली। लाल मैदान में १०५ फीट ऊंचे रावण के पुतले के चारों ओर राम सेना ने निरीक्षण किया। वानरों की उछलकूद को देखकर रावण की आंखे लाल हुई। लाल मैदान में हजारों की संख्या में दर्शक, विजया दशमी पर्व मनाने के लिए जमा हुए। मैदान, लोगों से ठसाठस भरा हुआ था। विद्युत कर्मी, पुतले का निर्माण हर वर्ष तकनीकी तौर पर करते हैं, इसलिए पुतले को देखने के लिए जिले भर से लोग यहां आते हैं। तकनीकी तौर पर बनाए गए पुतले को देखने के लिए भीड़ रही। कलेक्टर किरण कौशल समेत एचटीपीपी के मुख्य अभियंता मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे।
मुड़ापार में पुतला दहन
मुड़ापार में भी वर्षो से पुतला दहन किया जा जाता है। उमंग और उत्साह के साथ दशहरा पर्व मनाया गया। इसके अलावा बालकोनगर, बांकीमोंगरा, दीपका, गेवरा, कटघोरा, जमनीपाली, मानिकपुर, शहीद भगत सिंह कालोनी, महाराणा प्रताप नगर सहित अन्य उपनगरीय इलाके में दशहरा पर्व मनाया गया। इसके साथ ही ग्रामीण इलाके में भी दशहरा पर्व मनाने की शुरूआत भी हो गई।
सडक़ जाम से परेशानी
विजयादशमी पर्व मनाने के लिए मंगलवार को हजारों लोगों की भीड़ सडक़ पर उमड़ी। इस दौरान सडक़ों पर लोगों की भारी भीड़ जुटने से जगह-जगह जाम लग गया। मुख्य मार्ग सुनालिया चौक, मुड़ापार बाजार, राजेन्द्र प्रसाद नगर, जैलगांव चौक पर घंटों आवागमन बाधित रहा। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ज्यादातर लोग विजयादशमी पर्व मनाने पुतला दहन के लिए, चार पहिया वाहन में पहुंचे। इससे सडक़ पर जाम लग गया। जाम हटाने के लिए टै्रफिक पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
बारिश की वजह से कुछ जगह खलल
बारिश की वजह से कुछ जगह खलल भी देखने को मिला। दूसरे दिन मंगलवार को भी सुबह कुछ देर के लिए बारिश हुई। इस वजह से रावण कई जगह भीग गए थे। हालांकि दोपहर में ज्यादा बारिश नहीं होने की वजह से समितियों ने राहत की सांस ली। मैदान गीला होने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।