बातों को सुनकर चारों ग्रामीण मजदूर नेहरू के झांसे में आ गए। नेहरू चारों को लेकर गांव से लेकर महाराष्ट्र पहुंचा। विदर्भ इलाके में एक गन्ना किसान के पास चारों मजदूरों को बेच दिया। इसके बदले नेहरू ने गन्ना किसान से एक लाख 20 हजार रुपए लिया। चारों ने तीन माह तक गन्ना किसान की खेत में काम किया। गन्ने काटकर मिल तक पहुंचाए। मालिक ने गन्ना मजदूरों को रुपए नहीं दिए।
पूछताछ करने पर मालिक ने मजदूरों को बताया कि उसने चारों की मजदूरों के एक लाख 20 हजार रुपए नेहरू को दिया है। यह राशि गन्ना की कटाई चालू होने से पहले ही नेहरू को दी गई थी। यह सुनकर ग्रामीण परेशान हो गए। तीन माह तक गन्ने की कटाई करने के बाद मजदूर अपने घर कोरबी चौकी क्षेत्र के गांव लाद पहुंचे। नेहरू की पतासाजी की। लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली।
पूछताछ करने पर मालिक ने मजदूरों को बताया कि उसने चारों की मजदूरों के एक लाख 20 हजार रुपए नेहरू को दिया है। यह राशि गन्ना की कटाई चालू होने से पहले ही नेहरू को दी गई थी। यह सुनकर ग्रामीण परेशान हो गए। तीन माह तक गन्ने की कटाई करने के बाद मजदूर अपने घर कोरबी चौकी क्षेत्र के गांव लाद पहुंचे। नेहरू की पतासाजी की। लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली।
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भिक्षु ने मांगा खाना, तो तीन युवकों ने बच्चा चोर कहकर टांगी से कर दी हत्या, फिर ऐसे पकड़े गए आरोपी, पढि़ए खबर…नेहरू के छोटे भाई अमृत एक्का से भी मजदूरी मांगा, लेकिन अमृत ने पैसे देने से मना कर दिया। ग्रामीण नेहरू एक्का की पतासाजी कर रहे थे। वह एक साल से गायब था। इस बीच ग्रामीणों को जानकारी मिली कि नेहरू अपने घर एक शादी के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचा है। ग्रामीण कोरबी चौकी पहुंचे। उनकी रिपोर्ट पर पुलिस ने नेहरू और अमृत के खिलाफ धोखाधड़ी और मानव तस्करी का केस दर्ज किया है। अमृत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नेहरू की पुलिस को चकमा देकर फरार है। आरोपी लालपुर पोड़ी उपरोड़ा के निवासी हैं।