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एटक का आरोप, निजी औद्योगिक घरानों को खुश करने के लिए औद्योगिक संहिता में बदलाव

locationकोरबाPublished: May 16, 2019 10:06:24 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

– इस मसले पर चर्चा के लिए एटक के कोरबा कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया

एटक का आरोप, निजी औद्योगिक घरानों को खुश करने के लिए औद्योगिक संहिता में बदलाव

एटक का आरोप, निजी औद्योगिक घरानों को खुश करने के लिए औद्योगिक संहिता में बदलाव

कोरबा. श्रमिक संगठन एटक ने औद्योगिक संहिता में बदलाव का विरोध किया है। एटक का आरोप है कि केन्द्र सरकार निजी औद्योगिक घरानों को खुश करने के लिए संहिता में बदलाव कर श्रमिक संगठन को कमजोर करना चाहती है। इस मसले पर चर्चा के लिए एटक के कोरबा कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया।
इसमें श्रमिक नेता दीपेश मिश्रा ने कहा कि श्रम संगठनों के आंदोलनों को बेअसर करने तथा श्रमिक संगठनों का राजनीतिकरण रोकने के लिए सरकार कारपोरेट इसारे पर औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक 2015 लाने के लिए योजना बना रही है। भारतीय मजदूर संघ सहित दीगर श्रम संगठनों के प्रबल विरोध के चलते सरकार ने फिलहाल इस विधेयक को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
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काम करने वाले बनेंगे पदाधिकारी
औद्योगिक संबंधों पर प्रस्तावित श्रम संहिता के मुताबिक किसी उद्योग से जुड़े या उसमें काम करने वाले लोग ही संगठित क्षेत्र में श्रम संगठन के पदाधिकारी बन सकते है। संगठित क्षेत्र में किसी श्रम संगठन में एक तिहाई पदाधिकारी बाहरी हो सकते है।
असंगठित क्षेत्र मे आधे पदाधिकारी बाहरी हो सकते है। एटक नेता कहा कि मौजूदा सरकार ने कुछ चुनिंदा उद्योग घरानों को खुश करने लिए यह कवायद की थी। बैठक मेें एनके दास, राजेश पांडे, मृत्युंजय, एनके साव, सुभाष सिंह, सुबोध सागर और जाय मुखर्जी सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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