धरने में प्रमुख रूप से हाथियो से प्रभावित किसान व क्षेत्र के ग्रामीण उपस्थित रहे। धरना प्रदर्शन में हाथियो के द्वारा मारे गए ग्रामीण के परिजन को 15 लाख मुआवजा व एक सदस्य को शासकीय नौकरी, घर तोडऩे पर प्रधानमंत्री आवास योजना में स्वीकृत राशि के बराबर मुआवजा, खेत नुकसानी पर 25000 मुआवजा, हाथी अभ्यारण्य बनाने की मांग रखी गयी। धरने में कांग्रेस जिलाध्यक्ष ग्रामीण उषा तिवारी, ब्लॉक अध्यक्ष कोरबा अजित दास महंत, करतला जनपद अध्यक्ष धनेश्वरी कंवर, घासी गिरी गोस्वामी, मो. आवेश कुरैशी, सुनील गुप्ता, धर्मराज अग्रवाल, रामचन्द्र राजवाड़े, वीरेंद्र मरावी, अमरजीत कुजूर आदि उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि हाथी प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीणों को डर-डर कर जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है। जान-माल की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों को रतजगा करना पड़ रहा है। स्कूली बच्चे हाथी के भय से स्कूल जाने से कतरा रहे हैं। वहीं हाथियों के आतंक से परेशान ग्रामीण अपनी फसल की भी सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं। हाथी उत्पात मचा रहे हैं और ग्रामीणों को मौत के घाट उतार रहे हैं।
वहीं तीन दिन पहले बेला गांव में करंट लगने से हाथी की मौत के मामले में वन विभाग को वेटनरी डॉक्टरों से पीएम रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट आने के बाद भी करंट लगाने वाले ग्रामीण पर एफआईआर दर्ज होगी।
गौरतलब है कि एक सप्ताह पूर्व ग्राम बेला के उरांव बस्ती में करंट की चपेट में आने से नर हाथी की मौत हो गई थी। मादा हाथी के पूरे एक दिन तक नर हाथी के शव के पास रहने की वजह से पीएम व अंतिम संस्कार की कार्रवाई दूसरे दिन हो सकी थी।
गौरतलब है कि एक सप्ताह पूर्व ग्राम बेला के उरांव बस्ती में करंट की चपेट में आने से नर हाथी की मौत हो गई थी। मादा हाथी के पूरे एक दिन तक नर हाथी के शव के पास रहने की वजह से पीएम व अंतिम संस्कार की कार्रवाई दूसरे दिन हो सकी थी।
पहले मौत को लेकर कहा जा रहा था कि बिजली के लिए खींचे गए तार की चपेट में हाथी आ गया था, लेकिन जब वन अमले ने जांच की तो यह स्पष्ट हुआ कि ग्रामीण ने ही अपने बचाव के लिए घर की बाड़ी में करंट प्रवाहित तार बिछाया था। इसी की करंट में आकर उसकी मौत हो गई थी। जांच कर ग्रामीण महादेव राठिया का बयान भी दर्ज किया गया था। जिसमें उसने कबूल किया कि अपने परिवार को बचाने के लिए उसने यह काम किया। अब इस मामले में वन विभाग को वेटनरी डॉक्टर से पीएम रिपोर्ट का इंतजार है।