गोपालपुर स्थित इंडियन ऑयल डिपो के सामने पंडरीपानी मार्ग पर एक नहीं ब्लकि कई घरों में अवैध रुप से डीजल और पेट्रोल की बिक्री हो रही है। बुधवार को पत्रिका टीम बाइक पर पेट्रोल भरवाने पहुंची। जहां पहले से दो चार पहिया वाहन में डीजल भरा जा रहा था। बाहर कुर्सी पर बैठे शख्स ने तो पहले पेट्रोल कुछ देर पहले ही खत्म होना बताया। हमारे दूसरी बार कहने पर वह एक अन्य व्यक्ति को पेट्रोल लाने कहा। एक लीटर 75 रुपए में बात हुई, लेकिन एक लीटर से कम होने पर 60 रुपए ही लिया। इसके बाद जब हमने चार पहिया वाहन में डीजल फुल करने पर पूछा तो मुख्य तस्कर ने कहा कि शाम को गाड़ी लेकर आ जाए। 70 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से टैंक फुल हो जाएगा।
रोटेशन के आधार पर टैंकरों से 15 से 20 लीटर होता है पार
पूरा खेल टैंकरों से डीजल व पेट्रोल करने से शुरु होता है। एक टैंकर चालक ने बताया कि गिरोह और टैंकरों के चालक आपस मेे मिले होते हैं। रोटेशन के आधार पर टैंकरों से तेल निकाला जाता है ताकि ट्रांसपोर्टर व पंप मालिक शिकायत मत करे। सिर्फ 10 से 15 लीटर तेल कम होने पर ट्रांसपोर्टर या डीलर पुलिस में केस दर्ज कराने की झंझट में नहीं पड़ते। इसी रोटेशन के आधार पर पूरा धंधा चल रहा है। करीब पांच सौ से ज्यादा टैंकर प्रतिदिन कई जिलों के लिए रवाना होते हैं।
मिनटों में होता है पार, किसी को भनक तक नहीं लगती
टैंकरों से तेल पार करने के लिए गिरोह इतने सुनियोजित तरीके से काम करता है कि किसी को भनक नहीं लगता। एक जगह गाड़ी खड़ी करने के बाद चंद मिनटों में 10 से 15 लीटर पार कर लेते हैं। कभी ठेलों और होटल की पार्किंग के पीछे तो कभी पाइपलाइन रोड में तेल पार किया जाता है।
डीलर से लेकर आईओसीएल के अधिकारी भी परेशान
लगातार डीजल व पेट्रोल की चोरी अब डीलरों व आईओसीएल के अधिकारियों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। कम तेल पहुंचने पर ट्रांसपोर्टर का भुगतान काट दिया जाता है। इससे पहले तीन से चार बार मार्केटिंग मैनेजरों की शिकायत पर चालकों के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है, लगातार इस तरह की तस्करी हो रही है इसलिए अब पुलिस के चक्कर में डीलर पडऩा नहीं चाहते।
पुलिस की कार्रवाई तो दिखाने वाली इसलिए तस्करी बदस्तूर जारी
ऐसा नहीं है कि पुलिस को पता नहीं है और ये सबकुछ चोरी छिपे चल रहा है। पुलिस ने अब तक आधा दर्जन बार तेल चोरी करने वाले लोगों को पकड़ा है, लेकिन कार्रवाई हर बार सिर्फ दिखाने के लिए ही होती है। यही वजह है चोरी और अवैध रुप से बिक्री जारी है। आखिर इस गोरखधंधे को पुलिस पूरी तरह से खत्म क्यों नहीं कर पा रही है। जिस तरह से मुख्य मार्ग के किनारे बड़े आसानी से ये धंधा चल रहा है उसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि सांठगांठ किस स्तर पर है।
बड़े ट्रांसपोर्टर गिरोह के बड़े कस्टमर, 12 हजार लीटर का टैंकर तक सप्लाई
इस गिरोह के बड़े कस्टमर बड़े ट्रांसपोर्टर हैं। जिन्हें सस्ते में डीजल मिल जाता है। इन तक डीजल पहुंचाने के लिए टैंकर तक की सुविधा इनके पास मौजूद है। 12 हजार लीटर क्षमता वाली टैंकर से तेल पहुंचाया जाता है।