scriptपंचायत में चप्पल से हुई थी युवक की पिटाई, दो महिला सहित 12 लोगों पर मारपीट और भयादोहन का केस | Police investigating death of disgraced youth on charges of molestatio | Patrika News

पंचायत में चप्पल से हुई थी युवक की पिटाई, दो महिला सहित 12 लोगों पर मारपीट और भयादोहन का केस

locationकोरबाPublished: Sep 12, 2019 09:40:31 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

युवक की खुदकुशी के बाद मृतक की पत्नी और बहन से सरपंच सचिव ने लिखवा लिया था अपनी बेगुनाही का इकरारनामा

पंचायत में चप्पल से हुई थी युवक की पिटाई, दो महिला सहित 12 लोगों पर मारपीट और भयादोहन का केस

पंचायत में चप्पल से हुई थी युवक की पिटाई, दो महिला सहित 12 लोगों पर मारपीट और भयादोहन का केस

कोरबा. छेडख़ानी के आरोप में पंचायत द्वारा अपमानित किए जाने पर खुदकुशी करने वाले युवक के मौत की जांच पुलिस ने चालू कर दी है। जांच में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसमें पता चला है कि पंचायत की बैठक में युवक को अपमानित किया गया था। उसके साथ गाली गलौज की गई थी। दो महिला सहित पांच लोगों ने मिलकर भरी पंचायत में युवक को चप्पल हाथ और मुक्के से पिटाई की थी। उसपर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। सार्वजनिक तौर पर अपमानित होने के बाद युवक ने खुदकुशी कर ली थी। घटना के बाद आरोपियों ने अपनी बचाव के लिए पीडि़त परिवार पर दबाव डालकर अपनी बेगुनाही का इकरारनामा भी लिखवाया था। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के आधार पर गांव के सरपंच सचिव सहित 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच के आधार पर ग्राम भादापारा पाली निवासी भारत सिंह अगरिया, कुमारी बाई अगरिया, राधा बाई अगरिया, रमेश कुमार अगरिया, संतोष अगरिया, भादापारा के सरंपच दिलाराम नेताम, छिंदपानी के सचिव राजकुमार कश्यप, शोभाराम जगत, पंच रामेश्वर, शोभाराम पटेल, झड़ीराम पटेल, और छेदीलाल पटेल सहित गांव के अन्य लोगों को आरोपी बनाया है। पुलिस का कहना है कि पंचायत की बैठक में गांव के लगभग 30 से 40 लोगों के उपस्थित होने की जानकारी मिली है। उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। पंचायत की बैठक में बलराम कश्यप से मारपीट और गाली गलौज की घटना हुई थी। बलराम पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया था। उसे अपमानित करके पंचायत की बैठक से बाहर निकाला गया था। निराश होकर बलराम ने खुदकुशी कर ली थी। पुलिस केस दर्जकर जांच कर रही है।

READ MORE : मिट्टी अनलोडिंग के दौरान फिसल गया डंपर, चालक ने ऐसे बचाई जान…
मृतक की पत्नी और बहन से लिखवाया इकरारनामा
पंचायत में खुद को अपमानित महसूस करने के बाद बलराम ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना के बाद सरपंच दिलाराम, सचिव राजकुमार कश्यप, पंच रामेश्वर और शोभाराम बलराम के घर पहुंचे थे। परिवार को थाने में सूचना देने से रोका था। परिवार से एक शपथ पत्र पर इकरारनामा तैयार कराया था। इसमें परिवार पर दबाव डालकर लिखवाया था कि खुदकुशी की घटना के लिए दिलाराम, राजकुमार, शोभाराम सहित अन्य लोग दोषी नहीं हैं। बलराम ने अपनी मर्जी से खुदकुशी की। इस इकरारनामा पर सरपंच सचिव और पंचों ने बालराम की पत्नी, बहन, भाई और परिवार के अन्य सदस्यों का हस्ताक्षर भी कराया था।

READ MORE : अनजान लड़की को मोबाइल से युवक कर रहे थे परेशान, लड़की ने दोनों युवकों को घर मिलने बुलाई, फिर क्या हुआ पढि़ए पूरी खबर…
अंतिम संस्कार में भी नहीं हुए थे शामिल
पुलिस को जांच में पता चला है कि इकरारनामा तैयार कराने से पहले सरपंच सचिव ने शर्त मानने पर ही बलराम के अंतिम संस्कार में शामिल होने की बात कही थी। बाद में वादा से पलट गए थे। वे बलराम के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए थे।

READ MORE : अधिवक्ता संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष को कोर्ट ने भेजा जेल
यह है मामला
पुलिस ने बताया कि 27 अगस्त को एक महिला गांव में रहने वाले एक व्यक्ति के घर धान की निदाई करने गई थी। दोपहर को अपने बच्चे को दूध पीलाने के लिए घर लौट रही थी। रास्ते में बलराम की बुरी नीयत महिला पर पड़ी। उसने महिला से छेडख़ानी किया। महिला बलराम को नहीं पहचानती थी। लेकिन उसने घर जाकर अपने पति को छेडख़ानी की जानकारी दी थी। इस बीच 07 सितंबर को महिला अपने पति के साथ ग्राम उड़ता के सप्ताहिक बाजार पहुंची थी। बलराम भी बाजार गया था। महिला ने बलराम को पहचान लिया था। उसने अपने पति को बलराम की हरकतों के बारे बताया। इसपर महिला का पति नाराज हो गया। महिला के रिश्तेदार भी बाजार पहुंचे। बलराम को बाइक पर उठाकर जबरदस्ती अपने घर ले गए। महिला के घर गांव की पंचायत बुलाई गई। इसमें सरपंच सचिव सहित 30 से 40 ग्रामीण शामिल हुए। बैठक में पंचायत ने पीडि़त महिला और उसके परिवार को बलराम की पिटाई करने के लिए कहा था। परिवार की महिलाओं ने चप्पल से पिटाई की थी। हाथ लात और मुक्के से भी बलराम को पीटा गया था। पंचायत ने बलराम पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। देर शाम छोड़ दिया था। घटना के बाद बलराम खुद को अपमानित महसूस कर रहा था। उसने नौ और 10 सितंबर की दरम्यानी रात अपने घर में फांसी लगा ली थी।

हड्डियों को फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया
घटना की सूचना पुलिस को दिए बना बलराम की चिता जला दी गई थी। इस बीच मुखबिर से पुलिस को सूचना मिली थी कि पुलिस ने चिता की आग को बुझा दिया था। तब तक 90 फीसदी चिता जल गई थी। हड्डियों को जब्त कर पुलिस ने फारेंसिक जांच के लिए सिम्स बिलासपुर भेज दिया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो