तानाखार की सीट 15 साल से कांग्रेस के पास
पाली तानाखार की सीट 15 साल से कांग्रेस के पास है। इस सीट पर पार्टी के कद्दावर आदिवासी नेता व प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष रामदयाल उइके जीतते आये हैं। इस बार उनकी मजबूती दावेदारी है। ऐसे में भाजपा इस महत्वपूर्ण पाली तानाखार सीट पर चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में है।
पाली तानाखार : पिछले चुनाव पर एक नजर
किांग्रेस रामदयाल उइके 69,450
गिोंगपा हीरासिंह मरकाम 40,637
जिीत का अंतर 28,813
कटघोरा के वर्तमान विधायक देवांगन हैं प्रबल दावेदार, अन्य टिकटार्थी भी तलाश रहें मौका
कोरबा. कटघोरा विधासभा में आगामी चुनावी काफी दिलचस्प होने के आसार हैं। १३ हजार १३० मतों से सीट हार चुकी कांग्रेस वापसी के लिए संघर्ष कर रही है। टिकट बंटवारे का फार्मूला तलाश रही है। पार्टी को ऐसे चेहरे की तलाश है, जो कटघोरा सीट पर कांग्रेस की चुनावी नैया पार लाग दे। दावेदारी में अधिवक्ता अशोक तिवारी से लेकर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष रहे रतन मित्तल, कोसा कपड़े के कारोबारी अशोक देवांगन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बोधराम कंवर अपने पुत्र पुरुषोत्तम कंवर भी हैं। बोधराम सात बार विधायक रह चुके हैं। पार्टी में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। युवाओंं को लगता कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राजनीति में युवाओं की भागीदारी को लेकर प्रयासरत हैं। यह टिकट की दावेदारी का मौका सही है। हाल ही कांग्रेस का दामन थापने वाले कोरबा पूर्व कलेक्टर राजपाल सिंह त्यागी भी टिकट के दावेदार हैं।भिाजपा लखनलाल देवांगन 61,646
किांग्रेस बोधराम कंवर 48,516
जिीते लखनलाल देवांगन
मितों का अंतर 13,130 -कांग्रेस की नीतियों को आम लोगों के बीच बता रहे हैं। मेरे पिता बोधराम कंवर छह बार कटघोरा और एक बार पाली तानाखार से विधायक चुने गए हैं। परिवार कांग्रेस से जुड़ा रहा है। पुरुषोत्तम कंवर, कांग्रेस पार्टी से टिकट दावेदार, कटघोरा विधानसभा