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छत्तीसगढ़ का सियासी महासंग्राम : पाली तानाखार में भाजपा तलाश रही दमदार चेहरा, तो कटघोरा में कांग्रेस चाह रही वापसी

locationकोरबाPublished: Sep 07, 2018 12:39:26 pm

Submitted by:

Shiv Singh

– पिछले चुनाव में गोंगपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरासिंह मरकाम को कांग्रेस के रामदयाल उइके ने करारी मात दी थी।

छत्तीसगढ़ का सियासी महासंग्राम : पाली तानाखार में भाजपा तलाश रही दमदार चेहरा, तो कटघोरा में कांग्रेस चाह रही वापसी

छत्तीसगढ़ का सियासी महासंग्राम : पाली तानाखार में भाजपा तलाश रही दमदार चेहरा, तो कटघोरा में कांग्रेस चाह रही वापसी

कोरबा. अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित पाली तानाखार सीट पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बीच रहा है। पिछले चुनाव में गोंगपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरासिंह मरकाम को कांग्रेस के रामदयाल उइके ने करारी मात दी थी। २८ हजार ८१३ मतों से हीरासिंह को हार का सामना करना पड़ा था।
भाजपा के श्यामलाल मरावी तीसरे स्थान पर थे। पांच साल में परिस्थितियां बदल गई है। भाजपा त्रिपक्षीय मुकाबले को द्विपक्षीय करने में लगी है। पार्टी बूथ लेबल पर मेहनत कर रही है। इसके लिए नये चेहरे की तलाश है। क्षेत्र और पार्टी स्तर पर चर्चा है कि जिला पंचायत के अध्यक्ष देवीसिंह टेकाम को पाली तानाखार सीट पर उम्मीदवार बना सकती है। लेकिन तीन माह पहले की एक तस्वीर राजनीति के जानकारों को असमंजस में डाल रही है। तब मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विकासयात्रा के रथ पर पोड़ी उपरोड़ा में रघुराज सिंह उइके का सवार कराया था।
रघुराज पाली तानाखार में भाजपा का युवा चेहरा है। जिला पंचायत सदस्य धरेश्वरी सेन्द्राम, पोड़ी उपरोड़ा जनपद की अध्यक्ष किरण मरकाम, और पाली जनपद के सदस्य विरेन्द्र मरकाम के नाम भी पार्टी में चर्चा है। इस सीट पर गोंगपा के सुप्रीमो हीरा सिंह मरकाम की दावेदारी व और पकड़ से किसी से छुपी नहीं है। हाल ही में उनके प्रवास के दौरान भरी भीड़ जुटी थी। चर्चा कांग्रेस के साथ गठबंधन की भी है।

तानाखार की सीट 15 साल से कांग्रेस के पास
पाली तानाखार की सीट 15 साल से कांग्रेस के पास है। इस सीट पर पार्टी के कद्दावर आदिवासी नेता व प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष रामदयाल उइके जीतते आये हैं। इस बार उनकी मजबूती दावेदारी है। ऐसे में भाजपा इस महत्वपूर्ण पाली तानाखार सीट पर चुनाव को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में है।

पाली तानाखार : पिछले चुनाव पर एक नजर
किांग्रेस रामदयाल उइके 69,450
गिोंगपा हीरासिंह मरकाम 40,637
जिीत का अंतर 28,813

-सरकार ने बिजली का बिल बढ़ाया है। इससे आम आदमी और किसान परेशान है। २१०० रुपए प्रति क्ंिवटल की भाव से धान खरीदी का भाजपा ने झूठा वादा किया है। चुनाव में भाजपा को किसानों की याद आई है। विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर बोनस बांटने की तैयारी कर रही है। पब्लिक बस जानती है- रामदयाल उइके, विधायक, विधानसभा पाली तानाखार

कटघोरा के वर्तमान विधायक देवांगन हैं प्रबल दावेदार, अन्य टिकटार्थी भी तलाश रहें मौका

कोरबा. कटघोरा विधासभा में आगामी चुनावी काफी दिलचस्प होने के आसार हैं। १३ हजार १३० मतों से सीट हार चुकी कांग्रेस वापसी के लिए संघर्ष कर रही है। टिकट बंटवारे का फार्मूला तलाश रही है। पार्टी को ऐसे चेहरे की तलाश है, जो कटघोरा सीट पर कांग्रेस की चुनावी नैया पार लाग दे। दावेदारी में अधिवक्ता अशोक तिवारी से लेकर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष रहे रतन मित्तल, कोसा कपड़े के कारोबारी अशोक देवांगन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बोधराम कंवर अपने पुत्र पुरुषोत्तम कंवर भी हैं। बोधराम सात बार विधायक रह चुके हैं। पार्टी में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। युवाओंं को लगता कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राजनीति में युवाओं की भागीदारी को लेकर प्रयासरत हैं। यह टिकट की दावेदारी का मौका सही है। हाल ही कांग्रेस का दामन थापने वाले कोरबा पूर्व कलेक्टर राजपाल सिंह त्यागी भी टिकट के दावेदार हैं।
वर्ष २०१३ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से भाजपा के लखन लाल देवांगन ने कटघोरा की सीट १३ हजार १३० मतों के अंतर छीन लिया था। भाजपा के समक्ष कटघोरा सीट को बरकरार रखने की चुनौती है। देवांगन टिकट के प्रमुख दावेदार हैं। खाद्य आयोग के अध्यक्ष ज्योतिनंद दुबे और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष पवन गर्ग के नाम की भी चर्चा दबी जुबान है।
कटघोरा : चुनाव परिणाम 2013 पर एक नजर
भिाजपा लखनलाल देवांगन 61,646
किांग्रेस बोधराम कंवर 48,516
जिीते लखनलाल देवांगन
मितों का अंतर 13,130

-कांग्रेस की नीतियों को आम लोगों के बीच बता रहे हैं। मेरे पिता बोधराम कंवर छह बार कटघोरा और एक बार पाली तानाखार से विधायक चुने गए हैं। परिवार कांग्रेस से जुड़ा रहा है। पुरुषोत्तम कंवर, कांग्रेस पार्टी से टिकट दावेदार, कटघोरा विधानसभा

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