– विद्युत विभाग टीम अभी भी कई क्षेत्रों में कर रहा है मेंटेनेंस कार्य
कोरबा . सोमवार की शाम को आयी आंधी ने शहर की बिजली व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करके रख दिया। रात भर आधा शहर ब्लैक आउट रहा। उपनगरीय इलाकों में भी बिजली गुल रही। सुबह जैसे-तैसे बिजली लौटी भी तो एकाध घंटे बाद मेंटनेंस के लिए फिर से बंद कर दी गई। इस तरह शहर के कई इलाकों में पिछले 15-20 घंटों से बिजली गुल रही। लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा। बुधवार को भी कई क्षेत्रों में बिजली आती-जाती रही। विद्युत विभाग टीम अभी भी कई क्षेत्रों में मेंटेनेंस कार्य कर रहा है। बिजली व्यवस्था पूरी तरह से बहाल नहीं हो सकी है।
आंधी के बाद बारिश थमते ही बिजली विभाग ने जैसे ही सभी सबस्टेशन से आपूर्ति बहाल की। शहर के कई हिस्सों मेंं तार टूटने, ट्रिपिंग होने की समस्या की वजह से बिजली फिर से बंद हो गई। रात १२ बजे तक तो वितरण विभाग के कर्मचारियों को फॉल्ट ढूंढने में ही लग गया। इसके बाद एक सिरे से मेंटनेंस कार्य शुरू कराया गया।
दर्दनाक हादसा : ठोकर मारने के बाद सौ फीट तक मोपेड को घसीटते ले गया, दो की मौत इंण्डस्ट्रीयल एरिया के सबस्टेशन में ट्रिपिंग की समस्या की वजह से यह पूरा इलाका रात भर अंधेरे में रहा। चूंकि इस सबस्टेशन से डुमरडीह, नकटीखार व बालको का भी कुछ इलाका जुड़ा हुआ है लिहाजा पूरा क्षेत्र बंद रहा। इसके बाद कोसाबाड़ी सबस्टेशन से जुड़े हुए सीएसईबी कॉलोनी, कोसाबाड़ी, आरपीनगर, पोड़ीबहार, खरमोरा समेत अन्य इलाके में कुछ जगह बिजली रही तो कुछ जगह गुल रही। इसी तरह तुलसीनगर सबस्टेशन से भी जुड़े लगभग चार से पांच वार्ड में आपूर्ति ठप्प रही। टीपीनगर का मुख्य इलाका में ही रात ३ बजे बिजली आ सकी। शारदाविहार, अमरैय्यापारा सहित अन्य जगहों पर बिजली सुबह ५ बजे लौट सकी।
इमलीडुग्गु सबस्टेशन से जुड़े भिलाईखुर्द तक का इलाका भी इससे प्रभावित रहा। इधर उपनगरीय इलाके में दर्री क्षेत्र प्रभावित रहा। दर्री में एचटीपीपी कॉलोनी, बलगी, इंदिरानगर सहित अन्य इलाके में रात भर बिजली नहीं आ सकी। इसी तरह कुसमुंडा, दीपका, बांकीमोंगरा तरफ भी स्थिति रही।
शिकायत सुनने वाला कोई नहीं, अधिकारी भी नहीं उठाते फोन लोग रात भर परेशान रहे। बिजली कब तक बहाल होगी इसके लिए बार-बार सबस्टेशन में फोन करते रहे। लेकिन यहां पदस्थ कर्मचारी किसी का फोन ही नहीं उठाते हैं। वहीं अधिकारियों का रवैय्या भी इसी तरह का रहा। रात में लोगों की भीड़ तुलसीनगर और कोसाबाड़ी सबस्टेशन में लगी रही।
मुट्ठी भर कर्मचारी के भरोसे शहर कुछ देर की आंधी ने शहर की बिजली व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। एक-दो नहीं पूरे जिले मेें रात भर लगभग आपूर्ति ठप्प रही। मेंटनेंस के लिए पदस्थत नियमित और ठेकाकर्मी की संख्या बेहद कम है। एक-दो वाहनों में चार से पांच कर्मचारियों के भरोसे बड़े इलाके को संभाले जा रहे हैं। कहीं बड़ा फाल्ट आने पर एक ही दल को दो से तीन घंटे लग जाते हैं। ऐसे में दूसरी जगहों पर फाल्ट सुधारने के लिए घंटो बाद पहुंचते हैं।