रेल समिति ने मंगलवार की सुबह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आंदोलन शुरू किया। स्थानीय पुलिस के साथ ही जीआरपी और आरपीएफ भी उषा कॉम्प्लेक्स के पास भारी तादाद में तैनात थे। यहां नारेबाजी करने के बाद समिति के सदस्य सर्वमंगला चौक पहुंचे। जहां जीआरपी डीएसपी रितेश श्रीवास्तव मौजूद थे। समिति से उनकी चर्चा हुई और आंदोलन शांतिप्रिय तरीके से करने की बात कही।
पसरखेत रेंज कार्यालय में मजदूरों ने किया था बवाल, छह के खिलाफ केस दर्ज समिति के सदस्य यहां से पुन: उषा कॉम्प्लेक्स रेलवे फाटक पर पहुंचे और रेलवे प्रशासन का पुतला दहन किया। नारेबाजी के बीच खबर आई कि रेलवे के अफसर बिलासपुर से कोरबा पहुंचे हुए हैं। जोकि समिति ने वार्ता करना चाहते हैं। इसके बाद समिति के सदस्य कोतवाली थाना पहुंचे। जहां रेलवे के अफसरों से चर्चा के पश्चात लिखित आदेश लेकर फिलहाल आंदोलन को स्थगित किया गया है। आदेश में हसदेव एक्सप्रेस के साथ ही शिवनाथ एक्सप्रेस को भी तय समय के अनुसार परिचालित करने का जिक्र है। रेल संघर्ष समिति की ओर से प्रतिनिधिमंडल ने रेलवे के समक्ष अपनी मांग रखी। इसमें रामकिशन अग्रवाल, आशोक तिवारी, प्रेम मदान, अबंरीश प्रधान व निर्मल जैन सहित अन्य शामिल थे।
कोतवाली में त्रिपक्षीय वार्ता
आंदोलन के बीच रेल समिति के सदस्य कोतवाली पहुंचे। यहां सीएसपी व तहसीलदार सहित रेलवे के अफसर मौजूद थे। समिति की ओर से रामकिशन अग्रवाल ने हसदेव एक्सप्रेस, शिवनाथ एक्सप्रेस, पिट लाइन व सेकेंड एंट्री के संबंध में समस्याओं से अवगत कराया। रेलवे की ओर से वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक (डीओएम), मनीष अशोक शर्मा मौके पर मौजूद थे।
आधी रात बाड़ी में घुसे जंगली शूकर को भगाने गए सरपंच को हाथी ने पीछे से मारा जोर का धक्का, फिर ऐसे बचाई जान शर्मा ने बताया कि मांग जायज है। रेलव का पूरा सहयोग बना रहेगा। समिति की मांग पर पहले ही मेमू को रिस्टोर किया जा चुका है। जहंा तक बात हसदेव की है इसे दो अलग-अलग कोच के सहारे चलाया जाता है। जिसमें से एक कोच जनशताब्दी एक्सप्रेस की है। इसका मेंटेनेंस गोंदिया में किया जाता है। जोकि न्यायसंगत नहीं था। इसे बिलासपुर में शिफ्ट किया गया है। हसदेव हफ्ते में सातों दिन नियमित तौर पर कोरबा से रायपुर तक चलेगी। इसमें हमें कम से कम एक माह की मोहलत चाहिए। शर्मा ने इस बाबत लिखित आदेश भी समिति को दिया।