किसान रामलाल की समस्या को पत्रिका ने 18 फरवरी के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। 19 फरवरी को किसान के खाते में राशि पहुंच गई। हालांकि किसान को इसकी जानकारी शनिवार को हुई।
अवैध प्लाटिंग में ब्लैक मनी का बड़ा खेल: सरकारी रेट में रजिस्ट्री, बाकी का पैसा कच्चे में दोगे तो मिलेगा प्लाट ग्राम बुंदेली निवासी किसान रामलाल ने 21 दिसंबर को दादरखुर्द के उपार्जन केंद्र पर समर्थन मूल्य पर 90 बोरी धान बेचा था। उसे धान 67 हजार 248 रुपए का भुगतान प्राप्त होना था। धान बेचने के बाद 56 दिन गुजर गए। लेकिन रामलाल को रुपए नहीं मिले।
उसने सोसाइटी और बैंक से सम्पर्क किया। पता चला कि बैंक की ओर से डीएमआर नंबर गलत जारी किया गया है। किसान रामलाल की समस्या की पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया। इसके अगले दिन किसान के खाते मेे धान बिक्री की राशि पहुंच गई।
बेटी को डॉक्टर बनाने महिला ने गूगल में कंसलटेंसी का पता लगाने किया सर्च तो हुई 8 लाख की ठगी का शिकार बेटी के फलदान के दिन पहुंची राशि
किसान की सबसे बड़ी चिंता बेटी की शादी को लेकर थी। 19 फरवरी को बेटी के फल दान की रस्म पूरी होनी थी। इसी दिन पैसा किसान के खाते में पहुंचा।