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कर्तव्य पथ पर पिछले दो माह से घर से दूर रहकर सैंपलिंग की बागडोर संभाल रहे इन कोरोना फाइटर्स के जज्बे को सलाम

locationकोरबाPublished: May 20, 2020 11:16:42 am

Submitted by:

Vasudev Yadav

Corona Fighters: अस्पताल बना घर और संपूर्ण जिला कार्यस्थल, कोरोना की जांच करने शुरू में लगा डर, तो घरवालों ने बढ़ाया हौसला

कर्तव्य पथ पर पिछले दो माह से घर से दूर रहकर सैंपलिंग की बागडोर संभाल रहे इन कोरोना फाइटर्स के जज्बे को सलाम

कर्तव्य पथ पर पिछले दो माह से घर से दूर रहकर सैंपलिंग की बागडोर संभाल रहे इन कोरोना फाइटर्स के जज्बे को सलाम

कोरबा . जिले में कोरोना का पहला केस मिलने के बाद से ही अब तक ये कोरोना फाइटर्स स्वास्थ्य कर्मी अपने परिवार और बच्चों से दूर हैं। 24 घंटे ड्यूटी करते हुए अस्पताल ही इनका घर और पूरा जिला इनका कार्यस्थल बन गया है। जिले के डिस्ट्रिक्ट सर्विलेंस ऑफिसर डॉ. कुमार पुष्पेश एवं जिला एपीडिम्योलॉजिस्ट डॉ. प्रेम प्रकाश आनंद ने बताया कि कोरोना सर्विलेंस का कार्य पूरे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का हर व्यक्ति इस समय कोरोना वायरस से लडऩे में अपनी भूमिका निभा रहा है।
जिला अस्पताल कोरबा के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट (एमएलटी) दिनेश कुमार साहू और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पताड़ी के राजेन्द्र मानसर 24 घंटे सेवाएं देते हुए लोगों का सैंपल ले रहे हैं। इनकी मुस्तैदी की वजह से जिला रेड जोन से निकलने में सफल रहा है। हालांकि सैंपल कलेक्शन के साथ-साथ इन्होंने ब्लॉक स्तर पर भी लैब तकनीशियनों को सैंपल कलेक्शन की ट्रेनिंग दी है। जिसकी वजह से जिले के पांच ब्लॉक में अब सैंपल कलेक्शन का कार्य किया जाने लगा है। जान की परवाह किए बगैर ये योद्धा समुदाय और समाज के प्रति अपने अथक कर्तव्यपरायणता का परिचय दे रहे हैं। पिछले 62 दिनों से अपने परिवार और बच्चों से दूर हैं। घर की याद तो इन्हें सताती है पर अपने कर्तव्य के आगे उनके अपनों का हौसला उन्हें कार्य के लिए प्रेरित कर रहा है।
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लगा डर,पत्नी ने किया प्रोत्साहित
मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट (एमएलटी) दिनेश कुमार साहू कहते हैं मार्च माह में जब जिले में पहला केस सामने आया और उसके बाद पूरे जिले में सैंपलिंग की योजना बनीं। जब संक्रमत क्षेत्र समेत पूरे जिले में टेस्टिंग करने की जानकारी मिली तो कोविड-19 को लेकर बहुत डर लगा। खासकर तब, जब उन्हें एहसास हुआ कि टेस्टिंग के बाद उन्हें परिवार से भी अलग-थलग रहना होगा। उस वक्त पत्नी ने हौसला बढ़ाते हुए कहा वैश्विक महामारी में आपको अवसर मिला है, समुदाय के लिए कार्य करने का आप अपने कर्तव्य को निभाइए, हम सब आपके साथ हैं। उसकी बातों ने मेरे मन के डर को भगाया, एक नई ऊर्जा व साहस के साथ अपने कर्तव्य पथ पर बढ़ चला।

समाज के लिए कुछ करने की तमन्ना पताड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट (एमटीएल) राजेन्द्र मानसर कहते हैं कोविड-19 संक्रमितों की टेस्टिंग करने की जिम्मेदारी जब उन्हें सौंपी गई तब उन्हें भी बीमारी के बारे में सुनकर बहुत डर लगा। मम्मी-पापा ने उनका हौसला बढ़ाया और सैंपल कलेक्शन से पीछे नहीं हटने की सीख दी। अब तक लगभग 1300 सैंपल लिया है। डर तो खत्म हो गया। इस महामारी के दौर में बस समाज और समुदाय के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना है। उन्होंने बताया बिना किसी छुट्टी के मार्च से सैंपल कलेक्शन में जुटकर 24 घंटे काम कर रहे हैं, घर वालों की याद तो सताती है पर इस संकट की घड़ी में कर्तव्य पहला धर्म है।
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