डीईओ डीके कौशिक के जांजगीर स्थानांतरण के बाद सतीश पाण्डेय को डीईओ कोरबा के तौर पर शासन द्वारा पदस्थ किया गया है। पाण्डेय इसके पहले राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद (एससीईआरटी) में प्राध्यापक थे। पदभार संभालने के बाद जिले में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए क्या प्राथमिकता होगी? इस सवाल के जवाब में पाण्डेय ने कहा कि जिले का जो डाटा मेरे पास उपलब्ध है, उसके अनुसार यहां बच्चे उच्च कक्षाओं में जाते-जाते पढाई बीच में छोड़ देते हैं। ट्रायबल जिला होने के कारण जिले का ड्रॉपआउट रेट बहुत ज्यादा है। इस डाटा को सुधारकर बच्चों को स्कूलों को तक लाना पहली प्राथमिकता होगी।
पिकअप सवार ग्रामीणों को कार से ओवरटेक कर तीन सिपाहियों ने रोका, ड्राइवर को पीटा, मांगे 10 हजार रुपए एक और प्रश्न के उत्तर में पाण्डेय ने कहा कि निश्चित तौर पर मेरे द्वारा एससीईआरटी में कार्यों व रिसर्च का लाभ जिले के छात्रों को मिलेगा। कोशिश यही रहनी चाहिए कि जो ज्ञान बच्चों को स्कूलों में दिया जा रहा है। उसे वह पूरा का पूरा ग्रहण करें। उनका सर्वांगीण विकास हो, इसी बिन्दु पर फोकस रहेगा। पदभार संभालते ही पाण्डेय ने अब जिले के पूर्व डीईओ डीके कौशिक से मिलकर उनसे जिले की शिक्षा व्यवस्था की जानकारी हासिल की। उन्होंने कहा कि कई मुद्दों पर जिले के विषय में कौशिक से चर्चा होती रहती है। अच्छी बात यह भी है कि जिले के परीक्षा परिणामों में लगातार इजाफा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि डीके कौशिक लंबे समय से कोरबा में डीईओ के रूप में पदस्थ थे। ऊंची पहुंच होने के कारण इनका ट्रांसफर भी नहीं हो रहा था। ऐसे में निर्वाचन आयोग ने जब सरकार से अधिक समय से जमे सभी अधिकारियों के ट्रांसफर के लिए कहा तो इसमें कौशिक का भी गैर जिला ट्रांसफर हो गया।