script

एसईसीएल: कुसमुंडा में कब्जे से जमीन को कराया मुक्त, ढहा दिए कच्चे मकान

locationकोरबाPublished: Nov 21, 2022 12:13:36 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar kumar

अर्से बाद कोयला कंपनी का प्रबंधन अपनी जमीन को खाली कराने की कोशिश कर रहा है। गेवरा के बाद कुसमुंडा प्रबंधन ने भी रविवार को अपनी कुछ जमीन कब्जाधारियों से खाली करा लिया। इससे क्षेत्र के कब्जाधारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

एसईसीएल: कुसमुंडा में कब्जे से जमीन को कराया मुक्त, ढहा दिए कच्चे मकान

एसईसीएल: कुसमुंडा में कब्जे से जमीन को कराया मुक्त, ढहा दिए कच्चे मकान

जमीन पर कब्जाकर बनाए गए कच्ची मकानों को तोड़ दिया। एसईसीएल की स्वामित्व वाली अधिकांश भू- खंड पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। कब्जे का दौर अभी भी जारी है। इसे लेकर कोयला कंपनी का स्थानीय प्रबंधन परेशान है। कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। इस कड़ी में रविवार को कुसमुंडा प्रबंधन ने वैशाली खमहरिया मेनरोड के किनारे दूसरी ओर पुराने बैंक कॉलोनी के पास स्थित जमीन पर कब्जा कर बनाए गए अस्थाई मकानों को हटा दिया।
प्रबंधन की कार्रवाई रविवार सुबह शुरू हुई, जो दोपहर तक जारी रही। इस अवधि में प्रबंधन के अधिकारियों ने जेसीबी की मदद से कच्चे मकान को ढहा दिया। प्रबंधन की कार्रवाई का कुछ कब्जाधारियों ने आंशिक तौर पर विरोध किया। लेकिन प्रबंधन ने इसे दरकिनार करते हुए कार्रवाई को जारी रखा। लगभग 500 मीटर जमीन कब्जाधारियों से खाली कराई गई। इसपर लोगों ने कब्जा किया था। यहां से कुछ कदम पर एसईसीएल का 11 केवी का सब स्टेशन भी है।
एसईसीएल: कुसमुंडा में कब्जे से जमीन को कराया मुक्त, ढहा दिए कच्चे मकान
भू- विस्थापिताें को बसाहट देने के लिए प्रबंधन के पास जमीन की कमीएसईसीएल कुसमुंडा खदान का विस्तार कर रही है। इसके लिए पाली पड़निया और बरकुटा सहित अन्य आसपास की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। विस्तार होने से गांव के लोगों को हटाकर दूसरे स्थान पर बसाया जाना प्रस्तावित है। प्रभावित गांव के लोग कुसमुंडा के आसपास ही बसाहट की मांग रहे हैं। लेकिन एसईसीएल कुसमुंडा प्रबंधन के पास बसाहट उपलब्ध कराने के लिए जमीन नहीं है। प्रबंधन की जमीन पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। इसे खाली करा पाना प्रबंधन के लिए बेहद मुश्किल भरा है। प्रबंधन ने भू- विस्थापितों को बसाहट देने के लिए प्रदेश सरकार से जमीन की मांग की है।
एसईसीएल: कुसमुंडा में कब्जे से जमीन को कराया मुक्त, ढहा दिए कच्चे मकान

गेवरा, दीपका के साथ मानिकपुर में ग्रीन बेल्ट की जमीन पर भी अवैध कब्जा

कोयला खनन के लिए एसईसीएल प्रबंधन ने बड़े पैमाने पर प्रदेश सरकार ने जमीन लीज पर लिया है। लेकिन प्रबंधन अपनी जमीन को सुरक्षित नहीं रख सका है। गेवरा दीपका में खाली पड़ी कंपनी की जमीन पर लोगों ने कब्जा कर मकान और दुकान बना लिया है। कोरबा एरिया में मानिकपुर पोखरी के पास की जमीन पर तेजी से कब्जा हो रहा है। लोग पेड़ पौधों को काटकर जमीन पर काबिज हो रहे हैं। इसकी रोकथाम में प्रबंधन फेल हुआ है। यह स्थिति तब है, जब प्रबंधन ने इस भू- खंड पर कई साल पहले पौधे लगाए थे, जो अब बड़े होकर पेड़ बन चुके हैं। रिकार्ड में यह ग्रीन बेल्ट है।

ट्रेंडिंग वीडियो