घेराव से पहले उन्होंने सुभाष चौक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए देश में सबसे अधिक बिजली व कोयला कोरबा से पैदा होती है लेकिन इसके बाद भी प्रदेश सरकार कोरबा के युवाओं को
रोजगार नहीं दे रही है। हमारी सरकार ने स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता देते हुए आउट सोर्सिंग को पूर्णत: बंद कर दिया जाएगा।
जो लोग पिछले पांच साल से कोरबा में रह रहे हैं उन्हें पट्टा दिया जाए। किसानों को 2100 रूपए समर्थन मूल्य देने के साथ ही सूखा मुआवजा की रािश किसानो को जल्द से जल्द से खाते में उपलब्ध कराने की मांग की गई।
आम सभा के बाद अमित जोगी के नेतृत्व में कार्यकर्ता एटीएम के सामने बने बेरिकेट्स को तोड़कर कलेक्टोरेट की ओर बढऩे लगे।
यहां पुलिस प्रशासन की बनाई गई टीन की दीवार को भी समर्थकों ने भेदने का प्रयास किया। इस दौरान जोगी समर्थकों का पुलिस के साथ हल्की झूमाझटकी हुई। जिसके बाद पुलिस ने जोगी समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया।
कलेक्टोरेट घेराव के दौरान जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के जिलाध्यक्ष रामसिंह अग्रवाल, शिव अग्रवाल, पवन अग्रवाल, अर्चना उपाध्याय, रज्जाक अली, हलीम शेख, रंजित सिंह राजपूत, मनीराम जांगड़े, सर्वजीत सिंह सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे। जब तक थे खास ठीक थे, अब अप्रासंगिक हो गए– पाली तानाखार क्षेत्र के विधायक रामदयाल उईके ने एक दिन पहले बयान दिया था कि भाजपा और कांग्रेस किसी को भी आदिवासियों की चिंता नही है। इस विषय में जूनियर जोगी ने पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि जब तक वह खास थे तभी तक ठीक थे।
अब वह अप्रासंगिक हो चुके हैं। इसलिए उनकी बातों का ज्यादा कुछ महत्व नहीं है। उईके के जनता कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर जूनियर जोगी ने कहा कि हमारी पार्टी कोई प्लेटफॉर्म नहीं है।
चउर नहीं ये दारू वाले बाबा– अमित ने कहा कि प्रदेश के किसान परेशान हैं, पहले लोगों को सरकारी राशन की दुकान से 35 किलो चांवल मिलता था अब 5 से 7 किलो दिया जा रहा है। जबकि शराब दुकानो को संचालन सरकार खुद कर रही है। इसलिए डॉ रमन सिंह चउर वाले नहीं बल्कि दारू वाले बाबा हैं।
लगभग एक हजार ने दी गिरफ्तारी– घेराव के समय कुल 956 पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी। जिसमें 330 महिलाएं व 626 पुरूष शामिल रहे। गिरफ्तारी देने के बाद ही आंदोलन समाप्त हुआ। एसडीएम नेपाल सिंह नैरोजी ने मौके पर ज्ञापन स्वीकार किया। एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल भी मौके पर मौजूद रहे।
500 जवान तैनात– जोगी समर्थकों को रोकने के लिए रामपुर चौकी से लेकर कोसाबाड़ी व रजगामार सहित पूरे इलाकेे में 500 जवान तैनात किए गए थे। जिन्होंने अपनी ड्यूटी दी। हालांकि इस दौरान झूमाझटकी जैसी स्थिति निर्मित नहीं हुई। बेरिकेट्स व टीन की दीवार ने पुलिस का काम आसान कर दिया था।
आम लोगों को हुई खासी परेशानी- इस आंदोलन के लिए शहर में ऐतिहासिक तेयारी की गई थी। ऐसा पहली बाद देखने को मिला जब रामपुर व कोसाबाड़ी में मजबूत बेरिकेट्स के सामाने टीन की 10 फीट उंची दीवार खड़ी की गई थी। कलेक्टोरेट परिसर में सुबह से ही किसी को भी प्रवेश ही नहीं दिया गया।
कोसाबाड़ी से रजगामार रोड की ओर जाने वाले हों या फिर रामपुर से कलेक्टोरेट की ओर जाने वाले लोग। सभी को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दीवार के कारण सीएसईबी कालोनी सहित अन्य क्षेत्रों के लोगों को काफी परेशानी हुई।
न्यायालयीन कार्य में न्यायालय जाने वाले लोग भी मुसीबत में फंसे रहे। यहां तक कि निर्मला स्कूल पहुंचने तक में छात्र-छात्राओं को परेशान होना पड़ा। इस तरह की तैयारी में प्रशासन मे खूब राशि भी खर्च की है।
ये रही कार्यक्रम की झलकियां
-बरसात के मौसम तेज धूप निकलने के कारण कार्यकर्ता सुभाष चौक के सामने बैठने से कतराते रहे।
-अमित जोगी के आते ही जिले के कुछ उत्साही युवाओं ने अपने मजे के लिए ड्रोन का इंतजाम किया था। ड्रोन को लेकर सभी कि जिज्ञासा बनी रही। जिसने भी इस ड्रोन को देख वह सोचता रहा आखिर इसका इंतजाम किसने किया है।
-कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पूरे कलेक्टोरेट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया था। बेरीकेट्स के आगे लगभग 10 फीट उंची टीने के ***** की दीवार खड़ी की गई थी।
-जनता कांग्रस के कई नेता भीड़ के साथ सेल्फी लेकर खुश थे। प्रशासन की तैयारी देखकर इन्होंने कार्यक्रम स्थल से सोशल नेटवर्क पर अपडेट करने लायक सेल्फी ली और यहीं से लौट गए।
-सांसद निवास के घेराव के दौरान जनता कांग्रेस के छात्र संगठन के कुछ नेताओं ने पुलिस ने बेहद गंभीर धराएं लगाई थी। इसका प्रभाव आज के आंदोलन में दिखा। कुछ छात्र नेता बिना डरे आंदोलन में शामिल हुए तो कुछ गायब भी रहे।