पुनर्वास ग्राम के गंगानगर के निवासियों ने कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में उल्लेख किया है कि एसईसीएल गेवरा परियोजना के लिए वर्ष 1980-81 में ग्राम घाटामुड़ा का अधिग्रहण किया गया था। जिसमें 75 परिवार विस्थापित हुए थे। 1988 में पुनर्वास ग्राम गंगानगर के 25 एकड़ जमीन में बसाह प्रदान किया गया था। बत आश्वास मिला था कि यहां सिर्फ घाटामुड़ा के लोग ही निवास करेंगे।
Read more : शिकायत के बाद भी भारी वाहनों पर नहीं लग रहा प्रतिबंध, बदहाल सडक़ पर खतरा इसके बाद आज से करीब एक वर्ष पूर्व अतिक्रमण के नाम पर बाड़ी को तोड़ा गया। पिछले चार जनवरी को ग्रामीणों की बाड़ी को तोड़कर समतलीकरण किया गया। 1988 के बाद से अब तक कभी भी एसईसीएल या प्रशासन द्वारा यह नहीं बताया गया कि बसाहट का आबंटन किस तरह किया जाएगा। अब जबकि सभी ने यहां मकान बना लिया है। तब प्रशासन द्वार तोड़ फोड़ की कार्यवाही की जा रही है।