सिंगल यूज प्लास्टिक का मतलब प्लास्टिक से बनी उन प्रोडक्ट से है जिसे एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता है। यह आसानी से डिस्पोज नहीं किए जा सकते। सिंगल यूज वाले प्लास्टिक में के तहत – वस्तुओं की पैकेजिंग से लेकर बोतलों, पॉलिथीन बैग, फेस मास्क, कॉफी कप, क्लिंग फिल्म, कचरा बैग, फूड पैकेजिंग जैसी चीजें आती हैं। जैसे कि प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों की प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइस्क्रीम स्टिक, सजावट वाले थर्माकोल, प्लास्टिक प्लेट, कप, प्लास्टिक पैंकिंग आइटम, प्लास्टिक के इनविटेशन कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम वाले प्लास्टिक शामिल है।
सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग के साथ कैरी बैग विके्रताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 100 ग्राम कैरीबैग मिलने पर 500 रुपये, 101 से 500 ग्राम तक 1500 रुपये, 501 ग्राम से एक किलो ग्राम तक 2000 हजार रुपये, एक किलोग्राम से अधिक पांच किलोग्राम तक दस हजार रुपये, पांच किलोग्राम से दस किलोग्राम तक 20 हजार रुपये तथा दस किलोग्राम से अधिक मात्रा मिलने पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
प्लास्टिक को लेकर टॉक्सिक लिंक की एक स्टडी 2019 में सामने आई थी। सिंगल यूज प्लास्टिक वेस्ट (कचरा) इन्फॉर्मल सेक्टर में जा रहा है। कई प्लास्टिक ऐसे हैं, जिन्हें कोई लेने को तैयार नहीं है। इनमें खाने के सामानों के पैकेट, नूडल्स के पैकेट, बिस्किट और चिप्स के मल्टी लेयर पैकेट आदि शामिल हैं।
सूडा द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक शादी व पार्टियों में अब दोना पत्तल के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। प्लास्टिक के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा। साथ ही छोटे आयोजनों पर पूरी तरह से नजर रखी जाएगी। डिस्पोजल के उपयोग होने पर कार्रवाई की जाएगी।
एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा। लगातार अभियान चलाकर लोगों को जागरुक किया जाएगा। उपयोग और बिक्री पर नजर रख कार्रवाई की जाएगी।
खजांची कुम्हार, अपर आयुक्त, कोरबा निगम