श्रम विभाग को संगठित और असंगठित क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा सिलाई मशीन भेजी गई थी। लगभग आठ माह से श्रम विभाग के गोदाम में मशीन पड़ी हुई है। विभाग ने इसके वितरण के लिए तैयारी भी की। अधिक संख्या में महिलाएं लेने भी पहुंची। जब महिलाएं कार्यालय आई तो अधिकारियों ने कहा सिलाई-बुनाई आती है इसका सर्टिफिकेट लाओ। महिलाओं ने कहा कि वे शुरू से ही घर पर सिलाई-बुनाई करते रहे हैं। इसका कहां से सर्टिफिकेट लाएं। विभाग ने सरकार का आदेश का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया।
डिसेंट हाउस स्कीम पर घिरे सीआईएल के डीपी, झा ने लोकल मुद्दा बताकर किया बचाव महिलाओं से कहा गया कि कौशल विकास के तहत ट्रेनिंग लेकर सर्टिफिकेट अगर ले कर आएं तभी सिलाई मशीन मिल पाएगी। जब ये महिलाएं कौशल विकास की ट्रेनिंग की आस लेकर विभाग के दफ्तर पहुंची तो पता चला कि कोरबा मेें पिछले डेढ़ साल से इसकी ट्रेनिंग ही बंद है। कब शुरू होगा इसकी जानकारी विभाग नहीं दे पा रहा है। इस तरह मशीनें कई माह से धूल खा रही है।
जब तक ट्रेनिंग लेंगे तब तक छह माह का समय और लग जाएगा
नए सिरे से ट्रेनिंग शुरू होने के बाद इसे पूरे होने में कम से कम छह माह का समय और लग जाएगा। ऐसे में नई मशीन लगभग एक साल बाद ही महिलाओं को मिल सकेगी। जिस मकसद से इस योजना को लाया गया था। उसमें नियम आड़े आ गया है। अब भी विभाग के पास आवेदन फार्म की ढेर लगी हुई है।
– सरकार का ही निर्देश है कि कौशल विकास की ट्रेनिंग लेने वाली महिलाओं को ही सिलाई मशीन दी जाए। आवेदन करने वाली महिलाओं के पास सर्टिफिकेट नहीं है। इसलिए आवंटन नहीं किया जा सका है- डॉ. केके सिंह, सहायक श्रम आयुक्त
-सिलाई-बुनाई के लिए ट्रेनिंग जल्द शुरू करने की पहल की जा रही है। चुनाव के बाद से हर विषय की ट्रेनिंग पूरी तरह बंद है- एस के दुबे, सहायक संचालक, कौशल विकास