पहाड़ी अंचल होने के कारण नाले से होते हुए जलाशय में अधिक मात्रा में पानी जमा हो गया। पानी जमा होते ही वेस्टवियर के नीचे की मिट्टी का कटाव होने लगा था। इसे वन विभाग के अधिकारियाें ने गुरुवार की दोपहर से ही रोकने के लिए रेत की बोरियां डाली गई थी। इसी बीच गुरुवार की रात में वेस्टवियर के नीचे की पूरी मिट्टी बह गई। मिट्टी बहने से जलाशय का पानी तेज रफ्तार से बहने लगा। इस तेज रफ्तार में वेस्टवियर भी टूटकर बह गया।
जून में बनकर तैयार हुआ था, गीली थी मिट्टीजलाशय के वेस्टवियर का निर्माण जून में ही किया गया था। बताया जा रहा है कि वेस्टवियर के नीचे जिस मिट्टी का भराव किया गया था। वह गीली थी। बारिश की वजह से गीली मिट्टी ज्यादा देर तक टिक नहीं सकी इसलिए काफी बड़ी मात्रा में मिट्टी बह गया। अगर वेस्टवियर के नीचे मजबूत बंधान किया गया होता तो वेस्टवियर नहीं टूटता।
जलाशय सुरक्षित, अधिकारियाें ने ली राहत की सांस
वेस्टवियर के टूटने से वन विभाग में हड़कंप मच गया। डिविजन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। हालांकि जलाशय का शेष हिस्सा सुरक्षित होने की वजह से अधिकारियाें ने राहत की सांस ली है। जलाशय के कुछ हिस्से का पानी ही बहा है। बारिश कम होने के बाद अब वेस्टवियर की मरम्मत शुरु कराई जाएगी।