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एमआईसी के प्रस्ताव पर रोक : आयुक्त ने कहा- नियमों के विपरीत निगम में नहीं होगा कोई काम

locationकोरबाPublished: Nov 14, 2017 08:44:34 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

– आयुक्त और पार्षदों के बीच नोंकझोंक – घेराव में विपक्षी पार्षद आपस में ही उलझें

एमआईसी के प्रस्ताव पर रोक : आयुक्त ने कहा- नियमों के विपरीत निगम में नहीं होगा कोई काम
कोरबा . एमआईसी द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। विपक्षी पार्षद इस प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग को लेकर आयुक्त का घेराव करने पहुंचे थे। आयुक्त ने पार्षदों के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया कि एमआईसी द्वारा पारित प्रस्ताव विधिसम्मत है कि नहीं इसे बाद में दिखवाया जाएगा, लेकिन जब तक यह यह तय नहीं हो जाता तब तक इस प्रस्ताव पर रोक रखी जाएगी।
मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष योगेश जैन के नेतृत्व में विपक्षी पार्षदों द्वारा आयुक्त कार्यालय का घेराव कर इस प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग को लेकर हंगामा किया गया। साकेत द्वार के सामने पार्षद बैठकर नारेबाजी कर रहे थे। इसी बीच आयुक्त रणबीर शर्मा पहुंचे। सभी पार्षदों के साथ आयुक्त ने हॉल में बातचीत की। पार्षदों की तीन मांग थी कि एमआईसी द्वारा पारित प्रस्ताव को निरस्त किया जाएं। जल्द से जल्द साधारण सभा बुलाई जाए और सभा में मीडिया को प्रवेश दिया जाए।
बैठक के शुरूआत में ही आयुक्त ने पार्षदों के मांग पर एमआईसी से पारित प्रस्ताव का अध्ययन कर कार्रवाई करने की बात कही। लेकिन पार्षदों की मांग थी, इसे तत्काल निरस्त किया जाए। नेता प्रतिपक्ष योगेश जैन, पार्षद शिव अग्रवाल, हित्तानंद अग्रवाल, अब्दुल रहमान समेत अन्य पार्षद अपने साथ हो रहे भेदभाव की शिकायत की। फिर नेता प्रतिपक्ष के अगुवाई में कुछ पार्षदों के साथ आयुक्त कक्ष में बैठक हुई। इस पर निर्णय लिया गया कि जब तक एमआईसी के प्रस्ताव पर निर्णय नहीं हो जाता तब तक उसे होल्ड पर रखा जाएगा।
एमआईसी के प्रस्ताव पर रोक : आयुक्त ने कहा- नियमों के विपरीत निगम में नहीं होगा कोई काम

अमरनाथ अग्रवाल ने एक शिकायत की कि एक अधिकारी की पत्नी जो कि निगम में उपअभियंता के पद पर है, जो कि सौ फीसदी विकलांग है। महिला अधिकारी कार्यालय में आए बगैर वेतन ले रही हैं। इस पर आयुक्त ने भी साफ लफ्जों में कह दिया कि इस तरह इतने लोगों के बीच किसी महिला अधिकारी जो कि विकलांग है। उसका नाम लेना अनुचित है। अगर कहीं कोई गड़बड़ी चल रही होगी तो उस पर कार्रवाई होगी। इस बात पर पार्षद अग्रवाल भड़क गए। इस पर आयुक्त ने साफ कह दिया। यहां शासन से निर्धारित जो भी काम वही होगा। कहीं कोई काम गड़बड़ी या नियम के खिलाफ नहीं होगा।
आयुक्त ने कहा मिलने के लिए पर्ची भेजना तो पड़ेगा
बैठक में बीजेपी पार्षद लक्ष्मीकांत जगत ने आयुक्त से कहा पिछले १५ साल में कभी भी आयुक्त से मिलने के लिए पर्ची भेजने की जरूरत नहीं पड़ी। लेकिन अब बिना पर्ची के नहीं मिलने दिया जाता। इस पर आयुक्त ने कहा मैं भी अपने वरिष्ठ लोगों से मिलने के लिए पर्ची भेजता हूं, पर्ची भेजने से कोई छोटा-बड़ा नहीं हो जाता। इसलिए मिलने के लिए पर्ची जो जरूरी है। इसके बाद जब मामला तुल पकडऩे लगा तो आयुक्त ने सभी पार्षदों से कहा कि मैं सबकी बात सुन रहा हूं, मैं बिना टशन के काम चाहता हूं, शहर में महापौर कांग्रेस की नहीं जनता की है। जनप्रतिनिधि सबका होता है। सभी सहयोग के साथ काम करें।
[typography_font:18pt;” >विपक्षी पार्षदों में में दो फाड़, अलग-थलग दिखे
फिर से एक बार फिर विपक्षी पार्षदों में दो फाड़ देखने को मिला। कई बार तो पार्षद आपस में उलझते भी नजर आएं। घेराव के एजेंडे से निर्दलीय पार्षद बाहर जाते दिखें। इसपर भाजपाई पार्षद कई बार रोकने की कोशिश किए। इसी तरह कुछ पार्षदों के साथ आयुक्त की अलग बैठक में निष्कर्ष निकलने के बाद भी निर्दलीय पार्षद बैठकर नारेबाजी करते रहे। निर्दलीय पार्षदों को बीजेपी पार्षदों का अलग से बैठक नागवार गुजरा।

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