सात सितंबर को बलराम कश्यप ग्राम उड़ता के सप्ताहिक बाजार गया था। एक चाट की दुकान पर महिला ने बलराम को पहचान लिया था। उसने अपने साथ हुई छेडख़ानी की जानकारी अपने पति सहित परिवार के अन्य सदस्यों को दी थी। महिला के परिवार वालों ने बलराम की उड़ता के बाजार में एक राय होकर लात-घुसा और चप्पल से पिटाई की थी। बलराम को बाइक पर जबरदस्ती बैठाकर अपने गांव भादाकछार ले गए थे। महिला के घर पंचायत बैठी थी।
इसमें गांव के सरपंच दिलाराम, उप सरपंच बजरंग लाल, चंदन सिंह, गांव के सचिव राजकुमार कश्यप, छिंदपानी निवासी शोभाराम जगत, रामेश्वर कैलाश सहित 30 से 40 लोग शामिल हुए थे। पंचायत में भी युवक को चप्पल से पीटा गया था। पंचायत ने युवक पर ५० हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। इसे 15 सितंबर को अदा करने के लिए कहा था। बाजार और पंचायत में मारपीट के बाद युवक खुद को अपमानित महसूस कर रहा था। इसके बाद दो दिन बाद युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। परिवार पर दबाव बनाने के लिए गांव के सरपंच सहित अन्य लोगों ने एक इकरारनामा लिखवा लिया था। इसमें आरोपियों ने खुद को बेकसूर बताया था। बलराम के अंतिम संस्कार में भी आरोपी शामिल नहीं हुए थे। घटना की सूचना पर पुलिस केस दर्जकर जांच कर रही है। Click &