हाईकोर्ट के उक्त आदेश के बाद सीएमओ ने उक्त निर्माण कार्य रोकवा दिया था। चूंकि अभी तक उक्त भू-स्वामी को मुआवजा राशि भी नहीं दिया गया है जिसके कारण उक्त निर्माण कार्य को दोबारा शुरू नहीं किया गया था। लेकिन सितंबर माह में सीएमओ के अवकाश पर होने के कारण सीएमओ के पदभार संभाल रहे अध्यक्षपति व राजस्व उप निरीक्षक मोहन विश्वकर्मा ने रातों रात उक्त सड़क का निर्माण कार्य ठेकेदार अशोक शर्मा से करा दिया। इस मामले के सामने आने के बाद कलक्टर ने राजस्व उप निरीक्षक को निलंबित किया लेकिन उसने हाईकोर्ट से स्टे के लिए याचिका लगाई जिसमें यह बताया गया कि कलक्टर को अधिकार नहीं है। इस पर कोर्ट ने स्टे दे दिया। स्टे के बाद कलक्टर ने इस मामले में नगरीय प्रशासन को प्रकरण भेजकर अवगत कराा जिस पर नगरीय प्रशासन के अवर सचिव ने उक्त आदेश की पुष्टि करते हुए उसे निलंबित कर दिया है।
सीएमओ को दिया था धमकी
ज्ञात हो कि लोक सुराज अभियान के दौरान सीएमओ गोपाल दूबे को अध्यक्ष पति व राजस्व उप निरीक्षक मोहन विश्वकर्मा ने बकायदा धमकी दिया था। जिसको लेकर सीएमओ ने थाने में शिकायत भी की थी। वहीं शिविर के दौरान भी यहां का माहौल बिगड़ा ओर अधिकारियों पर अंडे व टमाटर फेके गए।
इसकी भी मिल रही थी शिकायत
पत्नी के अध्यक्ष होने के कारण मोहन विश्वकर्मा अपने पद का दुरूपयोग करता था। इसी का नतीजा है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी एक ही रात में निजी जमीन पर सड़क का निर्माण कराकर हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की गई। इसके अलावा सीएमओ को धमकी दिया गया।