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शहर में राजस्व वसूली के लिए मंगाई निविदा, इन महानगरों ने लिया हिस्सा, पढि़ए खबर…

locationकोरबाPublished: Jan 02, 2018 10:45:50 am

Submitted by:

Vasudev Yadav

शासन स्तर पर 15 दिन के भीतर कंपनी को निकाय भी सौंप दिया जाएगा। इसके बाद प्रापर्टी टैक्स की वसूली कंपनी के माध्यम से किया जाएगा।

शहर में राजस्व वसूली के लिए मंगाई निविदा, इन महानगरों ने लिया हिस्सा, पढि़ए खबर...
कोरबा . शहर में राजस्व वसूली के लिए बुलाई गई निविदा में नोएडा, गुरुग्राम, दिल्ली और कोलकाता की कंपनियों ने हिस्सा लिया है। इनमें मुबंई की दो कंपनियों को इसके लिए अपात्र कर दिया गया है। इस महीने कंपनी तय करने की रणनीति है। नगर निगम क्षेत्र में प्रापर्टी टैक्स की वसूली में धीमी रफ्तार को देखते हुए शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि अब आउटसोर्सिंग के माध्यम से यह काम किया जाएगा। अब इस पर मुहर पर लग चुकी है। इसके लिए प्रथम चरण में निविदा बुलाकर कंपनियों के ऑफर मंगाए गए थे। इसके लिए शासन द्वार्रा गाइडलाइन भी तय की जा चुकी है।
कुल सात कंपनियों ने इसके लिए हिस्सा लिया। जिसमें मुंबई की दो कंपनियों को अपात्र कर दिया गया है। जिन पांच कंपनियों को फाइनल किया गया है उसमें नोएडा, गुरुग्राम, नई दिल्ली व कोलकाता की कपंनियां है। हालांकि अभी ये तय नहीं हुआ है कि कौन सी कंपनी शहर में वसूली करेगी। शासन स्तर पर 15 दिन के भीतर कंपनी को निकाय भी सौंप दिया जाएगा। इसके बाद प्रापर्टी टैक्स की वसूली कंपनी के माध्यम से किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि नए वित्तीय वर्ष से आउटसोर्सिंग से ही शहर में राजस्व वसूली की जाएगी।

कंपनी के आने के बाद नहीं चलेगी मनमानी
कंपनी के काम शुरू होने के बाद फिर प्रापर्टी टैक्स न देने वालों की मनमानी नहीं चलेगी। दरअसल अब तक साल में एक बार टैक्स देने की वजह से लोग रूचि नहीं लेते। इस वजह से अब हर महीना टैक्स वसूली कंपनी करेगी। यहां तक पूरा वसूली का सिस्टम भी बदलने जा रहा है। विलंब होने के बाद बकायदा पेनाल्टी लगाकर उसकी भी वसूली होगी।

वसूली पिछड़ी, मार्च तक पूरा होना मुश्किल
वर्तमान में शहर में राजस्व वसूली बेहद पिछड़ी हुई है। उद्योगों से जहां 90 करोड़ रूपए से अधिक बकाया हुआ है। जबकि शहर में भी लाखों रूपए अब तक वसूली नहीं हो सकी है। विभाग को उम्मीद है कि 70 फीसदी तक वसूली मार्च तक हो जाएगा। इसके लिए वार्डों में शिविर भी लगाया जा रहा है।

जीआईएस सर्वे अधूरा छोड़ कंपनी भागी
शासन द्वारा राजस्व वसूली के लिए पहले भी हाइटेक सर्वे बाहर की कंपनी के माध्यम से कराया गया था। नागपुर की टीम द्वारा किए गए इस सर्वे को बीच में आधा अधूरा छोड़कर भाग गई थी। बहुत जगह गड़बड़ी भी सामने आई थी। कई जोन का काम अब तक पूरा नहीं हो सका था। अगर ये काम पूरा हो जाता तो शहर के सभी निजी प्रापर्टी चिंहित हो जाती जिसके आधार पर निगम राजस्व वसूली कर सकता था। एक बार फिर से बाहर की कंपनी को यह काम दिया जा रहा है,ऐसे मेेंं मॉनिटंरिग की सख्त जरूरत है।

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