गर्म पानी और भाप किचन मेें फैलने लगा। इसकी चपेट में आकर सरस्वती और अंजू झुलस गई। दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। डॉक्टरों की निगरानी में इलाज जारी है। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है।
घटना के बाद हॉस्टल में थोड़ी देर के लिए छात्राओं के बीच हड़कंप मच गया। सूचना पर आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त भी जिला अस्पताल पहुंचे। महिलाओं से घटना की जानकारी ली। सहायक आयुक्त ने कन्या छात्रावास में कुकर फटने की घटना से इनकार किया।
उन्होंने वॉल्ब खुलने को दुर्घटना का कारण बताया। हादसे में घायल दोनों रसोइयां रामपुर क्षेत्र की निवासी हैं।
रामपुर की कन्या छात्रावास में रहकर लगभग 50 छात्राएं पढ़ाई करती हैं। घटना से थोड़ी देर के लिए छात्राएं डर गई थी।
इस प्रकार के हादसे पहले भी हुए– छात्रावासों मेें इस प्रकार के हादसे पहले भी हुए हैं। लगभग आठ दस साल पहले विकासखंड करतला के अधीन स्थित छात्रावास में भोजन पकाते समय दो छात्राएं आग की चपेट में आकर झुलस गई थी। इसमें उनकी मौत हो गई थी। आदिवासी विकास विभाग का कहना है कि छात्रावासों में हादसे को रोकने के लिए समय समय पर सलाह दी जाती है।
जिले के विभिन्न विकासखंडों में लगभग 185 आश्रम और छात्रावास स्थित है। इसका संचालन आदिवासी विभाग करता है। इनकी सुरक्षा का दायित्व विभाग के जिम्मेदारी है।