भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी और भाजपा की ही महापौर प्रत्याशी रितु चौरसिया ने मेयर राजकिशोर प्रसाद की जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाई थी। दोनों ही याचिका में मेयर राजकिशोर के खिलाफ आरोप लगाया गया है कि उनकी जाति प्रमाण पत्र बिहार की है। बिहार में बना जाति प्रमाण पत्र छत्तीसगढ़ में वैध नहीं है। कोरबा महापौर की सीट ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित थी। चुनाव में कांग्रेस ने महापौर पद के लिए राजकिशोर प्रसाद को मैदान में उतारा था। भाजपा की रितु चौरसिया एक वोट से चुनाव हार गई थी। इसके बाद मेयर राजकिशोर के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायालय में याचिका लगाई गई थी। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए राजकिशोर प्रसाद और जिला निर्वाचन अधिकारी को चार अप्रैल तक जवाब देने का समय दिया है। वकील सी के शर्मा ने बताया कि नोटिस गुरुवार को तामिल हो जाएगी। उसके बाद जवाब देेने के लिए एक माह की मोहलत मिलेगी। इधर भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक चावलानी का कहना है कि मेयर प्रसाद की जाति प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी है। मेयर ने कोरबा तहसील में भी जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। जिसे पहले निरस्त कर दिया गया था।