सरकार ने प्रदेश के किसानों का कर्जा माफ किया। जंगल में रहने वाले आदिवासियों को पट्टा का वितरण किया। तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरा चार हजार रूपए किया। बस्तर के लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन वापस कराई, किसानों के फायदे के लिए धान का समर्थन मूल्य 2500 रूपए करने सहित अन्य कई कल्याणकारी कार्य किए हैं। उन्होंने भाजपा को आडे़ हाथों लिया और कहा कि छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। 9 अगस्त का दिन विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद राज्य में 15 साल तक भाजपा की सरकार थी, लेकिन आदिवासी दिवस पर अवकाश को लेकर ध्यान नहीं दिया। कांग्रेस की सरकार आते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नौ अगस्त को आदिवासी दिवस के लिए अवकश की घोषणा की है।
इस अवसर पर पाली तानाखार विधायक मोहित राम केरकेट्टा, कटघोरा विधायक पुरूषोत्तम कंवर, जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला कंवर, महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्यामसुंदर सोनी, आदिवासी समाज के प्रांतीय अध्यक्ष युवा सुभाष सिंह पोर्ते सहित आदिवासी समाज के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
डोम बनाने के लिए हर संभव सहयोग करेंगे: राजस्व मंत्री राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि आदिवासी समाज की मांग वे हमेशा सहयोग करते रहे हैं। मंगल भवन का लोकार्पण किया है। इससे समाज को समय-समय पर होने वाले विभिन्न आयोजन व कार्यों में मदद मिलेगी। समाज की ओर से नि:शुल्क जमीन की मांग पर राजस्व मंत्री ने कहा कि इसके लिए समाज के लोग शासन-प्रशासन से विधिवत् आवेदन करें। इसे दिया जाएगा। लखमा ने भी समर्थान किया। आदिवासी शक्तिपीठ परिसर में भव्य डोम बनाने हर संभव सहयोग करेंगे।
शक्तिपीठ में पूजा की, मांदर के साथ थिरके लखमा
विश्व आदिवासी शक्तिपीठ में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे मंत्री लखमा ने शक्तिपीठ में पूजा-पाठ किया। इसके बाद समाज के लोगों ने उनका स्वागत पारंपरिक नृत्य के साथ किया। इस दौरान मंत्री लखमा खुद भी मांदर बजाते हुए उनके साथ नृत्य करने लगे।