फर्जीवाड़े के दो घाग अफसर को राज्य शासन ने सस्पेंड कर दिया है। रेंजर मृत्युंजय शर्मा ने ग्रीन इंडिया मिशन के कार्यों में करीब डेढ़ करोड़ का घपला किया था। इसी तरह लाखों की घटिया सड़क और अहाता बनाने वाले सीईओ जी के मिश्रा पर शासन ने गाज गिरा दी है। ये दोनों ही अफसर लंबे समय से जिले में जमे हुए थे।
आए ऊंट पहाड़ के नीचे, फर्जीवाड़े के मास्टर माइंड रेंजर शर्मा और सीईओ मिश्रा सस्पेंड
कटघोरा वनमंडल के विवादित रेंजर मृत्युंजय शर्मा 2016-17 और 2017-18 में पाली में पदस्थ थे। इस दौरान ग्रीन इंडिया मिशन के तहत सात समितियों के क्षेत्र में फेंसिंग, आरडीएफ, भूजल संरक्षण के लिए चेकडेम, बोल्डर, पौधरोपण का कार्य किया गया था। इसकी शिकायत हुई थी। जून में जांच टीम ने बड़े पैमाने पर जांच की।
जांच में पुष्टि हुई थी कि रेंजर ने करीब डेढ़ करोड़ का फर्जीवाड़ा किया था। करीब पांच महीने बाद अब मुख्यालय ने रेंजर शर्मा को सस्पेंड कर दिया है। सवालों के घेरे में रेंजर शर्मा तभी आए जब उनके द्वारा मजदूरी भुगतान के नाम पर 1.43 करोड़ का नगद राशि देने का मामला सामने आया। सभी सात समितियों को नगद दिया गया। जिन मजदूरों को नगद जारी किया गया। उसका ही रिकार्ड रेंजर ने दबा दिया। जब मृत्युजंय शर्मा उपवनपाल थे तब गड़बड़ियों को अंजाम दिया गया था। इस बीच प्रमोशन में रेंजर बन कर कई रेंज में पदस्थ रहे।
जनपद सीईओ जी के मिश्रा को शासन ने निलंबित कर दिया है। करतला सीईओ के पद पर रहते हुए कई वित्तीय गड़बड़ियों को अंजाम दिया गया था। शिकायत के आधार पर हुई जांच में इसकी पुष्टि भी हुई थी। वर्तमान में मिश्रा कोरबा जनपद के सीईओ के प्रभार में है।
इससे पहले करतला सीईओ के पद पर रहते हुए वर्ष 2019-20 में मिश्रा ने सीसी रोड व हाईस्कूल अहाता का गुणवत्ताहीन निर्माण किया गया था। इसके साथ गंभीर वित्तीय अनियमितता बरती गई थी। मामले की जब शिकायत हुई थी तब मिश्रा ने इसे दबाने का भी प्रयास किया था। विभागीय जांच में गुणवत्ताहीन निर्माण होने की पुष्टि भी हुई थी। इसके आधार पर शासन ने शुक्रवार को सीईओ मिश्रा को सस्पेंड कर दिया है। इसकी शिकायत क्षेत्र के लोगों ने की थी। हालांकि कार्रवाई में विलंब हुआ है।