0 शरीर भी नहीं दे रही साथ
बुजुर्ग अवस्था में शरीर साथ नहीं दे रही है। कुष्ठ से पीड़ित मरीज संक्रमण के प्रभाव की वजह से मजदूरी नहीं कर पा रहे हैं। इस कारण आय को कोई साधन नहीं है। शासन के तरफ से मिलने वाला राशन से दिन में दो वक्त भर पेट खाना मिलता था, लेकिन यह भी मशीनी प्रक्रिया की वजह से दूर हो गई है।
0 बाजार से खरीदना पड़ रहा है महंगा राशन
कुष्ठ पीड़ित व बुजुर्गो को पीडीएस दुकानों से राशन नहीं मिल रहा है। इस कारण इस महंगाई के दौरान में भी उन्हें बाजार से महंगा राशन खरीदना पड़ रहा है, इसके लिए बुजुर्गो की पेंशन राशि भी कम पड़ रही है। चावल आंटा लेने पर सब्जी व मसाले के लिए पैसे नहीं बच रहे हैं।
0 कई बुजुर्ग ऐसे जो परिवार से हैं दूर
अधिकांश परिवार में बेटे व बेटियों के शादी-ब्याह के बाद राशन कार्ड भी अलग हो गए हैं और बुजुर्ग दंपत्ति का कार्ड अलग हैं, तो वहीं कई सदस्य अकेले ही जीवन गुजर बसर कर रहे हैं। इन बुजुर्गो के पास बीपीएल कार्ड होने के बाद भी योजना का लाभ लेने से वंचित हो गए हैं।
0 पड़ोसी को बनाना पड़ रहा नॉमिनी
विभाग ने बुजुर्गा व कुष्ठ पीड़ितों के सुविधा के नाम पर पड़ोसी के किसी एक सदस्य को नॉमिनी बनाया है। दो वक्त का राशन लाने के लिए भी उन्हें नॉमिनी के भरोसे रहने को मजबूर होना पड़ रहा है।
0 महंगाई में भी नहीं बढ़ी पेंशन की राशि
बुजुर्गो को हर माह पेंशन के रुपए हर माह लगभग ३५० रुपए दी जाती है। बढ़ती महंगाई में भी पेंशन की राशि नहीं बढ़ी। इस कारण बुजुर्गो के सामने विकट परिस्थिति आ गई है।