scriptसिस्टम ऐसा कि पात्र बुजुर्गों को नहीं मिल पा रहा शासकीय योजनाओं का लाभ | The system is such that the eligibles are not getting the benefit | Patrika News

सिस्टम ऐसा कि पात्र बुजुर्गों को नहीं मिल पा रहा शासकीय योजनाओं का लाभ

locationकोरबाPublished: Apr 28, 2022 04:59:28 pm

Submitted by:

CHOTELAL YADAV

कोरबा. उम्र ढलने के साथ 30 हजार से अधिक बुजुर्ग व कुष्ठ पीड़ित मरीजों की अंगूठों की लकीरे मीट गई तो पीडीएस दुकान से राशन मिलना बंद हो गया है। इन बुजुर्गों का कोई नॉमिनी भी नहीं है। इसलिए सरकारी नियम राशन के आड़े आ रहा है।

सिस्टम ऐसा कि पात्र बुजुर्गों को नहीं मिल पा रहा शासकीय योजनाओं का लाभ

सिस्टम ऐसा कि पात्र बुजुर्गों को नहीं मिल पा रहा शासकीय योजनाओं का लाभ

शासन ने सस्ते दाम पर मिलने वाली राशन का लाभ हितग्राहियों तक पहुंचाने के लिए नई प्रक्रिया के तहत सभी पीडीएस दुकानों में फिंगरप्रिंट मशीन लगाई गई है। तब से राशन वितरण की प्रक्रिया बदल गई है। हितग्राही परिवार के सदस्यों के मौके पर जाकर फिंगरप्रिंट के माध्यम से प्रमाणित करता है। इसके बाद राशन दिया जाता है। अब यही प्रक्रिया जिले के लगभग ३० हजार से अधिक बुजुर्ग दंपत्ति, 134 कुष्ठ से पीड़ित लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। कुष्ठ पीड़ित मरीजों में संक्रमण के प्रभाव की वजह से हाथ की उंगलियां घिस गई है, तो वहीं बुजुर्गो के हाथ की उंगलियों की लकीरे मीट गई है। हितग्राही पीड़ित व बुजुर्ग स्वयं को प्रमाणित नहीं कर पा रहे हैं। इस कारण पीडीएस दुकान संचालक भी राशन नहीं दे रहे हैं। इन हितग्राहियों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा हैं। बाजार से महंगे दर पर राशन खरीद कर खाना पड़ रहा है। बावजूद इसके बुजुर्ग व कुष्ठ पीड़िता की गंभीर समस्या को दूर नहीं किया जा रहा है। इस कारण इनके सामने अब खाने के लाले पड़ गए हैं।


0 शरीर भी नहीं दे रही साथ
बुजुर्ग अवस्था में शरीर साथ नहीं दे रही है। कुष्ठ से पीड़ित मरीज संक्रमण के प्रभाव की वजह से मजदूरी नहीं कर पा रहे हैं। इस कारण आय को कोई साधन नहीं है। शासन के तरफ से मिलने वाला राशन से दिन में दो वक्त भर पेट खाना मिलता था, लेकिन यह भी मशीनी प्रक्रिया की वजह से दूर हो गई है।


0 बाजार से खरीदना पड़ रहा है महंगा राशन
कुष्ठ पीड़ित व बुजुर्गो को पीडीएस दुकानों से राशन नहीं मिल रहा है। इस कारण इस महंगाई के दौरान में भी उन्हें बाजार से महंगा राशन खरीदना पड़ रहा है, इसके लिए बुजुर्गो की पेंशन राशि भी कम पड़ रही है। चावल आंटा लेने पर सब्जी व मसाले के लिए पैसे नहीं बच रहे हैं।


0 कई बुजुर्ग ऐसे जो परिवार से हैं दूर
अधिकांश परिवार में बेटे व बेटियों के शादी-ब्याह के बाद राशन कार्ड भी अलग हो गए हैं और बुजुर्ग दंपत्ति का कार्ड अलग हैं, तो वहीं कई सदस्य अकेले ही जीवन गुजर बसर कर रहे हैं। इन बुजुर्गो के पास बीपीएल कार्ड होने के बाद भी योजना का लाभ लेने से वंचित हो गए हैं।


0 पड़ोसी को बनाना पड़ रहा नॉमिनी
विभाग ने बुजुर्गा व कुष्ठ पीड़ितों के सुविधा के नाम पर पड़ोसी के किसी एक सदस्य को नॉमिनी बनाया है। दो वक्त का राशन लाने के लिए भी उन्हें नॉमिनी के भरोसे रहने को मजबूर होना पड़ रहा है।


0 महंगाई में भी नहीं बढ़ी पेंशन की राशि
बुजुर्गो को हर माह पेंशन के रुपए हर माह लगभग ३५० रुपए दी जाती है। बढ़ती महंगाई में भी पेंशन की राशि नहीं बढ़ी। इस कारण बुजुर्गो के सामने विकट परिस्थिति आ गई है।

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