प्रबंधन की ओर से जमीन पर बाउंड्रीवाल करने और समतलीकरण के लिए करीब सात लाख रुपए खर्च किए गए। इसका मकसद खाली पड़ी जमीन पर फलदार पौधे लगाने की योजना थी। लेकिन दो माह में ही अफसरों ने योजना पर पानी फेर दिया। बारिश चालू होते ही भूखंड पर इमारती लकडिय़ों के पौधे लगा दिया। फलदार पौधों लगाने की योजना से किनारा कर लिया। इससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है।
Photo Gallery : हसदेव नदी पर 46 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकेण्ड छोड़ा जा रहा, फोटो में देखिए ये विहंगम दृश्य स्थानीय लोगों ने पार्षद सीताराम चौहान के जरिए खाली पड़ी जमीन पर गार्डन बनाने की मांग की थी। उनका कहना था कि मानिकपुर कॉलरी क्षेत्र में कंपनी की ओर से किसी भी गार्डन का निर्माण नहीं है। खाली पड़ी जमीन पर गार्डन का निर्माण किया जा सकता है। बच्चे के लिए मनोरंजन के साधन झूला आदी लगाया जा सकता है। लेकिन प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। प्रबंधन से जुड़े अफसर मनमानी पर उतारू हैं। उप महाप्रबंधक आवास के बाजू में स्थित खेल मैदान पर भी कंपनी ने ही कब्जा कर लिया है।
निहारिका या अप्पू गार्डन का चक्कर
क्षेत्र में मनोरंजन के साधन नहीं होने से स्थानीय लोग अपने बच्चों को लेकर निहारिका स्थित पुष्पलता उद्यान या अप्पू गार्डन जाते हैं। कंपनी एसएसआर फंड से गार्डन का बनाती है, तो स्थानीय लोगोंं को लाभ मिलेगा। मानिकपुर कॉलोनी के आवासीय परिसर में करीब ३०० एसईसीएल कर्मी निवास करते हैं। वे मानिकपुर, कोरबा और कुसमुंडा क्षेत्र में ड्यूटी करते हैं। कंपनी की ओर से कालोनी क्षेत्र में गार्डन या खेल मैदान का निर्माण नहीं कराया जा रहा है।
-मानिकपुर में गार्डन बनाने की मांग प्रबंधन से की गई है। अफसर गंभीर नहीं है। खाली पड़ी जमीन पर गार्डन बनाने की योजना पर निगम विचार कर रहा था। इसबीच एसईसीएल ने वन विभाग से इमारती पौधे लगा दिए। जबकि गार्डन की जरूरत है- सीताराम चौहान, स्थानीय पार्षद