scriptआदिवासियों ने भरी हुंकार, अपने हक की 22 मांगों को लेकर सड़क पर उतरे हजारों लोग | Thousands of people came on the road with the demands of the tribals r | Patrika News

आदिवासियों ने भरी हुंकार, अपने हक की 22 मांगों को लेकर सड़क पर उतरे हजारों लोग

locationकोरबाPublished: Nov 15, 2017 07:06:16 pm

Submitted by:

Rajkumar Shah

बिरसामुंडा जयंती के अवसर पर जिले में आदिवासियों ने हुंकार भरी। अपने 22 सूत्रीय मांगों को लेकर हजारों आदिवासी सड़क पर उतरें। शहर में शक्ति प्रदर्शन

बिरसामुंडा जयंती के अवसर पर जिले में आदिवासियों ने हुंकार भरी।

बिरसामुंडा जयंती के अवसर पर जिले में आदिवासियों ने हुंकार भरी। अपने 22 सूत्रीय मांगों को लेकर हजारों आदिवासी सड़क पर उतरें। शहर में शक्ति प्रदर्शन करते हुए रैली कलेक्ट्रोरेट पहुंची।

कोरबा . बिरसामुंडा जयंती के अवसर पर जिले में आदिवासियों ने हुंकार भरी। अपने 22 सूत्रीय मांगों को लेकर हजारों आदिवासी सड़क पर उतरें। शहर में शक्ति प्रदर्शन करते हुए रैली कलेक्ट्रोरेट पहुंची।

जहां राष्ट्रपति के नाम अतिरिक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। शाम को घंटाघर स्थित ओपन थियेटर में सवैधानिक सभा का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश भर से आए पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ हमला बोलते हुए पेशा एक्ट को पूरी प्राथमिकता के साथ लागू करने की मांग की।
घंटाघर से निकली रैली सीएसईबी मार्ग से होते हुए शहर के कई क्षेत्रों से कलेक्ट्रोरेट पहुंची। सैकड़ों लोग इस रैली में शामिल हुए। एक तरह से शक्ति प्रदर्शन करते हुए अधिक संख्या में आदिवासी कलेक्ट्रोरेट पहुंचे। जहां पर अतिरिक्त कलेक्टर प्रियंका महोबिया को समाज ने 22 मागों का ज्ञापन सौंपा। समाज का कहना है कि कोरबा जिला पांचवी अनुसूची में शामिल है। यहां लागू पेशा कानून अब तक प्रभावशील नहीं है। आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन पर निजी कंपनियां घुसपैठ करने लगी है।
Read more: एकतरफा प्रेम में छात्रा की कुर्ती फाडऩे वाले को पुलिस ने इस तरह सिखाया सबक


22 में से प्रमुख मांगे ये
– पांचवी अनुसूची 244(1) के तहत आदिवासी क्षेत्रों में ग्राम सभा की अनुमति के बगैर किसी भी प्रकार का निर्माण व व्यवसाय असवैधानिक है। इसके अनुसार ऐसे क्षेत्र में संचालित सभी शराब दुकानों को तत्काल बंद किया जाएं।
– कोरबा में उद्योगों को बढ़ावा देने की वजह से खेती किसानी में काफी गिरावट आई है। जंगलों का अंधाधुंध कटाई भी हुई है। इस वजह से जिला प्रदूषण के चपेट में है। इसपर रोक लगाई जाएं।
– हाथियों से जिले में जनहानि हो रही है। प्रभावित परिवारों को तत्काल 25 लाख रूपए व नौकरी आश्रित परिवार को दिया जाएं।
– कोरबा में नगर निगम व पंचायतों का विस्तार ग्राम सभा के अनुमति के बगैर किया जा रहा है, नगर पंचायतों में गैद आदिवासियों को अध्यक्ष एव उपाध्यक्ष का पद देना पेशा कानून का उल्लंघन है।
– एसईसीएल के द्वारा धड़ल्ले से खदानों के लिए भूमि अधिग्रहण कर बाहरी ठेकेदारों के द्वारा कॉलोनी स्कूल बनाया जाता है, स्थानीय लोगों को ना ठेका मिलता है ना ही रोजगार।
– आदिवासी बच्चों के शिक्षा स्तर को बढ़ाने बनाएं गए मॉडल स्कूल डीएवी को दे दिए गए, तब से आदिवासी बच्चों की संख्या इन स्कूलों में कम हो गई। डीएवी को देने से पहले ग्रामसभा का अनुमोदन नहीं लिया गया।
– बांगो बांध बनने से 53 गांव को विस्थापित कर गढ़उपरोड़ा में बसाया गया, लेकिन आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं हुई, ना ही रोजगार मिला ना ही मुआवजा दिया गया।
– पाली के कोडार में रेनकोटट जलाशय के निर्माण मं 58 एकड़ कृषि जमीन लिया गया है, लेकिन इसके लिए ग्राम सभा से अनुमति नहीं ली गई है।
– नकिया में कोल ब्लाक का विरोध ग्राम सभा में किया जा चुका है। फिर भी श्यांग के आसपास खोदाई की जा रही है।
– पोड़ीउपरोड़ा ब्लॉक में एक भी महाविद्यालय नहीं है। प्रदेश में सबसे बड़े क्षेत्रफल वाले इस ब्लॉक मेंं कॉलेज नहीं होने की वजह से छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी हो रही है।
0 सभा में कददवर आदिवासी नेताओं ने सरकार पर जमकर हल्ला बोला
शाम पांच बजे से घंटाघर में हुई सवैधानिक सभा में कददवर आदिवासी नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। कांकेर के पूर्व सांसद और आदिवासी नेता सोहान पोटाई ने पेशा कानून को हर हाल में लागू करने की बात कही। पोटाई ने कहा कि अगर सरकार पेशा कानून पर गंभीर नहीं होती है तो राजधानी में इसका जवाब देने की बात कही। इसी तरह गोड़वाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरा सिंह मरकाम ने कहा कि यह विरोध सिर्फ ट्रेलर मात्र है। असली पिक्चर तो अभी बाकि है। सभा में प्रमुख रूप से पाली विधायक रामदयाल उइके, रामपुर विधायक श्यामलाल कंवर, शिवचरण सिंह, धमेन्द्र सिंह धु्रव, छत्रपाल सिंह कंवर, बालाराम आर्मो, शिवनारायण कंवर, कौशल सिंह राज, होरीलाल बियार, धन सिंह धुर्वे समेत सभी महासभा के सभापति व अध्यक्ष शामिल हुए। इस दौरान बच्चों ने संास्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी दी।
बिरसामुंडा जयंती के अवसर पर जिले में आदिवासियों ने हुंकार भरी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो