वर्तमान में बिलासपुर से उरगा और उरगा से हाटी तक की सड़क पर आवागमन जारी है। सीजीआरडीसीए ने दो साल पहले ही इसे पूरा किया है। एनएचएआई द्वारा जो कॉरीडोर का निर्माण कराया जाएगा उसका रूट अलग रखा गया है। पूरे रूट को इकोनॉमिक कॉरीडोर की तर्ज पर बनाया जाएगा।
इकोनॉमिक कॉरीडोर के तहत बनने वाली सड़क की ऊंचाई वर्तमान सड़कों की अपेक्षा में अधिक ऊंचाई वाली बनेगी। सड़क में 30 किमी तक बीच में कहीं से भी एंट्री नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए सड़क के दोनों ओर बेरिकेटिंग की जाएगी। इससे मवेशियों और अचानक सड़क पर आने वाले वाहनों की वजह से हो रही दुर्घटनाओं पर लगाम लग सकेगा।
जमीन का मुआवजा प्रकरण अटका, इसलिए काम शुरु होने में देरी
जमीन के मुआवजा प्रकरण की वजह से काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। कोरबा-चांपा फोरलेन का निर्माण शुरु हो चुका है लेकिन जिन जगहों पर मुआवजा वितरण नहीं हुआ है वहां पर काम शुरु नहीं किया जा सका है। इसी तरह उरगा से हाटी के बीच ग्रामीण अधिक दर पर मुआवजा की मांग कर रहे हैं। इस वजह से भी मामला पूरी तरह से अटका हुआ है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 149 बी के तहत चांपा-कोरबा-कटघोरा खण्ड चार-लेन उन्नयन परियोजन उरगा से कोरबा व इमलीडुग्गु तक का हिस्सा छूट गया हैै। राजस्व मंत्री ने लिखा है कि इस मार्ग को फोरलेन सीसी रोड में वन-टाईम इम्प्रूवमेंन्ट योजना के तहत उन्नयन किया जाना आवश्यक है इसी तरह सीएसईबी चौक से दर्री डेम तक चार-लेन सड़क निर्माण का कार्य पूूरा हो चुका है। इस हिस्से में प्रस्तावित पुल सीआरएफ स्कीम केे अन्तर्गत लगभग 65 करोड़ की लागत अनुमानित है।
जयसिंह अग्रवाल ने अपने पत्र में दो और प्रमुख मार्गों के निर्माण की आवश्यकता की ओर केन्द्रीय मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया है जिनमें कटघोरा-जटगा-पसान से होते हुए केंवची तक की सड़क है। इसमें केंवची से रतनपुर खण्ड (पैकेज-1) से जुड़ जाएगा जिससे अमरकंटक तीर्थ स्थल जाने के लिए कोरबा, जांजगीर, चांपा, रायगढ़ एवं आसपास के अन्य जिलों के साथ ही विभिन्न प्रदेेशों केे लोगों को सुविधा होगी। केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने कटघोरा-जटगा-पसान से होते हुए केंवची तक सड़क निर्माण को भारत माला-2 परियोजना में शामिल किये जाने का सैद्धान्तिक सहमति दी एवं चाम्पा-कोरबा-कटघोरा खण्ड चार-लेन परियोजना में कोरबा शहर के छूटे हुए भाग को भी पूरा करने की बात कही।