निजी विद्यालयों की सेटिंग कितनी तगड़ी है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विभागीय अफसर इसके लिए शिकायत का इंतजार कर रहे हैं। एक दिन पहले ‘पत्रिकाÓ ने एनटीपीसी परिसर में संचालित टाईनी कॉटेज स्कूल में किताब विक्री किए जाने के लिए किताबों की खेप निजी दुकान संचालक द्वारा स्कूल पहुंचाने के मुद्दे को उजागर किया था। स्कूल के नोटिस बोर्ड में किताबों की बिक्री की तिथि का भी उल्लेख है। लेकिन कार्रवाई करने जिम्मेदार शिक्षा विभाग के हांथ कांप रहे हैं।
सभी बड़े स्कूलों की रहती है सेटिंग
स्टेशनरी दुकानों के साथ ही बड़े स्कूलों की सेटिंग पब्लिकेशन हाउसेस तक रहती है। सुनियोजित तरीके से जिससे सेटिंग हो चुकी है, उस पब्लिकेशन की किताबें सिर्फ एक ही दुकान में उपलब्ध करवाई जाती हैं। बारिकी से जांच की जाए, तो शिक्षा के व्यवसायीकरण के गोरखधंधे का भांडाफोड़ किया जा सकता है।
-स्कूल परिसर में किताबें बेचने या परिसर के व्यावसायिक उपयोग पर फिलहाल कोई संज्ञान नहींं लिया गया है। विभाग को शिकायत मिलने पर ही कार्रवाई की जाएगी। बिना शिकायत कार्रवाई का नियम नहीं है- सतीश पांडे, डीईओ