जांच टीम के निरीक्षण में ये खामियां हुई उजागर
-सिर्फ दो फायर सिलेंडर के भरोसे-
इतने बड़े मेले में सिर्फ दो ही फायर सिलेंडर से काम चलाया जा रहा था। कम से कम 20 सिलेंडर की जरुरत है। सभी झूले के सामने एक-एक सिलेंडर होना चाहिए।
-तार खुले हुए, करंट का खतरा
मेले में झूलों को करंट देने के लिए बिछाए गए बिजली के तार अस्त-व्यस्त तरीके से लगाए गए है। कई जगह से टीम को तार खुले हुए थे। कोई भी इन तारों के चपेट में आने से करंट से गंभीर हो सकता था।
-पानी की पर्याप्त सुविधा ही नहीं
मेले में पर्याप्त पानी की सुविध नहीं है। आग लगने की स्थिति में पानी की जरुरत पड़ेगी। ऐसे स्थिति में आपातकालिन अधिक मात्रा में पानी की जरुरत है। टीम ने जल्द पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
मुख्य तार को बदलने के निर्देश
सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने पहुंची टीम ने पाया कि मुख्य तार सामान्य वायर है, जबकि उसे केबल वायर होना चाहिए। इससे शार्ट सर्किट का खतरा बना रहता है। लोड बढऩे पर तार शार्ट हो सकते हैं।
झूले और पार्ट्स बदलने की जरुरत
मेले में कई झूले और उसके पाटर््स काफी पुराने और जंग लगे हुए हैं। यही वजह है कि झूलों के टूटने की संभावना बनी रहती है। सभी झूलों को सही तरीके से मेंटनेंस करने को कहा गया है। झूलों में सेफ्टी का अभाव देखा गया। अधिक गति में और लोड बढऩे पर टूटने का खतरा बना रहता है।
निगम की लापरवाही, किराया लेने से ही मतलब, सुरक्षा से नहीं
बीते एक महीने से इस मेले का संचालन बिना फायर सेफ्टी एनओसी के हो रहा था। निगम द्वारा जमीन को उपयोग के लिए दी जाती है। निगम को सिर्फ किराए से ही मतलब है। जबकि बिना फायर एनओसी के निगम को मेला संचालन की अनुमति नहीं देनी चाहिए। अब जब लापरवाही सामने आई है तो निगम ने मेले को बंद करवा दिया है। जब तक कमियां दूर नहीं की जाएगी अनुमति नहीं मिलेगी।
-डिजनी लैंड मेला का जायजा लिया गया था। कई खामियां सामने आई है। इसे दूर करने के लिए कहा गया है।
बीपी सिदार, डिस्ट्रिक्ट कमांडेट, होमगार्ड