कर्मचारियों को बतौर बोनस 59 हजार रुपए देने का प्रस्ताव यूनियन के समक्ष रखा। इसे यूनियन कोल इंडिया को हुई लाभ की तुलना में कम राशि कहकर अस्वीकार कर दिया। सीटू ने एक लाख रुपए बोनस की मांग की।
Read more : फोटो वायरल करने की धमकी देकर सूने मकान में बुलाया, बंद कमरे की छेडख़ानी वहीं भारतीय मजदूर संघ ने 70 हजार रुपए बोनस की मांग की। एटक और एचएमएस ने भी अपनी मांग कोल इंडिया के समक्ष रखी। लेकिन प्रबंधन ने यूनियन की मांग के अनुसार बोनस बांटने में असमर्थता बताई। दोपहर तक बोनस राशि पर दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बनी। दोपहर बाद दोबारा बैठक चालू हुई। प्रबंधन की ओर से 60 हजार 500 रुपए बोनस देने की घोषणा की गई। इसे श्रमिक नेताओं ने स्वीकार कर लिया। प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि बोनस राशि का भुगतान एसईसीएल सहित सभी अनुषांगिक कंपनियों में 12 अक्टूबर से पहले कर दिया जाएगा।
बैठक में एनसीएल सीएमडी पीके सिन्हा, डायरेक्टर वित्त एसएन प्रसाद, सभी कंपनियों के कार्मिक निर्देशक, श्रमिक नेता डॉ. बीके राय (बीएमएस), वाईएन सिंह (बीएमएस), नाथूलाल पांडे (एचएमएस), एसके पांडे (एचएमएस), रमेन्द्र कुमार (एटक) और डीडी रामानंदन (सीटू) उपस्थित थे। कोल इंडिया की अनुषांगिक कंपनी एसईसीएल में 54 हजार कर्मचारी हैं। इससे कंपनी पर 330 करोड़ रुपए का वित्तीय भार पडऩे की संभावना है। बैठक में ठेका मजदूरों को मासिक वेतन का 8.33 फीसदी बोनस देने का भी निर्णय हुआ है। इसके लिए अनुषांगिक कंपनियों को कोल इंडिया ने कहा है।
कोरबा, दीपका, गेवरा और कुसमुंडा एरिया की कोयला खदानों में 17 हजार कर्मचारी काम करते हैं। इसमें सबसे अधिक कर्मी कोरबा एरिया में नियोजित हैं।
3500 रुपए की वृद्धि
पिछले साल कोयला कर्मियों को 57 हजार रुपए बोनस मिला था। इस साल कोल इंडिया ने बोनस राशि में साढ़े तीन हजार रुपए तक की बढ़ोत्तरी की है।
शहर के बाजार में उछाल की उम्मीद
कोयला कर्मियों के बोनस पर बाजार की नजर है। कपड़ा से लेकर आटो मोबाइल और सराफा बाजार खरीदी के लिए तैयार है। एसईसीएल के बाद बालको और एनटीपीसी में भी बोनस पर बैठक होनी है।