scriptवर्मी कंपोस्ट सैंपल के लिए भेजे गए थे बिलासपुर, रास्ते से 102 नमूने गायब | Vermi compost samples were sent to Bilaspur | Patrika News
कोरबा

वर्मी कंपोस्ट सैंपल के लिए भेजे गए थे बिलासपुर, रास्ते से 102 नमूने गायब

कोरबा. गौठानों से गोबर खरीदने के बाद बनाए जाने वाले वर्मी कंपोस्ट की बिक्री से पहले गुणवत्ता की जांच के लिए बिलासपुर भेजे जाते हैं, कोरबा से बिलासपुर लैब भेजे गए 102 सैंपल रास्ते से ही गायब हो गए। इस मामले में स्थानीय अधिकारी अनभिज्ञता जता रहे हैं जबकि विधानसभा में कोरबा से ही रिपोर्ट भेजी गई थी।

कोरबाAug 16, 2022 / 11:36 am

CHOTELAL YADAV

वर्मी कंपोस्ट सैंपल के लिए भेजे गए थे बिलासपुर, रास्ते से 102 नमूने गायब

वर्मी कंपोस्ट सैंपल के लिए भेजे गए थे बिलासपुर, रास्ते से 102 नमूने गायब

गौरतलब है कि 2020 में शुरु हुई गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर खरीदकर वर्मी कंपोस्ट बनाया जा रहा है। जिसे समितियों के माध्यम से खरीदा जाता है। सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक गौठानों में बनने वाले कंपोस्ट की गुणवत्ता जांचना अनिवार्य है। कोरबा के सैंपल बिलासपुर भेजे जाते हैं। तोरवा स्थित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में जांच के बाद उर्वरक की रिपोर्ट के आधार पर बिक्री की अनुमति दी जाती है।

कोरबा जिले में विगत एक साल में ४२९ सैंपल भेजे गए थे। इसमें से 102 सैंपल ऐसे हैं जो आज तक मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला पहुंचे ही नहीं। ये सैंपल रास्ते से ही गायब हो गए। इतने अधिक संख्या में सैंपल के गायब हो जाने के मामले को अधिकारी दबाने में लगे हुए हैंं। एक तरफ स्थानीय अधिकारी कह रहे हैं सैंपल के गायब होने का मामले की जानकारी उनको नहीं है। जबकि विधानसभा में खुद रिपोर्ट भेजी गई है।

बीते दो साल में एक लैब तैयार नहीं कर सका विभाग
इतने महत्वपूर्ण योजना को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं है। बीते दो साल से योजना चल रही है, लेकिन अब तक एक भी लैब तैयार नहीं किया जा सका है, जहां वर्मी कंपोस्ट की जांच कराई जा सके। गौठानों से उर्वरकों का सैंपल लेकर हर दूसरे महीने बिलासपुर लैब भेजा जा रहा है।

सात सैंपल निरस्त और दो अमानक
सैंपल भेजने के मामले में भी जमकर लापरवाही की जा रही है। अब तक जिले से कुल ३१८ सैंपल ही बिलासपुर स्थित लैब पहुंच सका है। इसमें से सात सैंपल तो ऐसे थे जो जांच के योग्य ही नहीं थे। इसलिए ऐसे सात सैंपल को निरस्त कर फेंकवा दिया गया। जबकि दो सैंपल जांच में अमानक निकले। इससे साफ है कि सैंपल लेने से लेकर भेजने के मामले में अधिकारी गंभीर नहीं है।

इधर गोबर बिक्री में गौपालकों की रूचि घटने लगी
योजना के शुरुआत की तुलना में वर्तमान स्थिति में गोबर बिक्री में गौपालकों की रूचि घटने लगी है। जुलाई 2020 ये लेकर मार्च 2021 के बीच 139348 क्विंटल गोबर खरीदी हुई थी। जबकि अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक सिर्फ 90350 क्विंटल गोबर ही खरीदा जा सका। यहीं नहीं वर्तमान वर्ष में अप्रैल से जून तक तक साढ़े १६ हजार क्विंटल गोबर खरीदा जा चुका है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो