कोरबा

खदान का मलबा धंसने से मरने वाले ग्रामीणों की संख्या तीन पहुंची

एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्ट दीपका खदान के बंद फेस पर गुरुवार को पांच ग्रामीण कोयला खोदने गए थे। दोपहर लगभग तीन बजे खनन के दौरान उपर से मलबा धंस गया था। इसमें तीन युवक दब गए थे।

कोरबाFeb 24, 2024 / 12:51 pm

brajesh tiwari

खदान का मलबा धंसने से मरने वाले ग्रामीणों की संख्या तीन पहुंची

उनकी पहचान प्रदीप कमरो 18 वर्ष, शत्रुघ्न कश्यप 27 वर्ष, लक्ष्मण ओढ़े 17 वर्ष, लक्ष्मण मरकाम और अमित सरूता से की गई थी। घटना के प्रत्यक्षदर्शी अमित सरूता ने बताया था कि मलबा में तीन लोग दबे हुए हैं। इसमें प्रदीप, लक्ष्मण ओढ़े और शत्रुघ्न शामिल थे। इसके आधार पर मलबा में दबे ग्रामीणों को बाहर निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया था। एसईसीएल दीपका और कुसमुंडा की टीम ने रात भर राहत और बचाव कार्य किया। घटना स्थल से मलबा को हटाया गया। शुक्रवार सुबह लगभग ६ बजे मलबा के नीचे से प्रदीप कमरो और शत्रुघ्न कश्यप की लाश बरामद हुई। तीसरा लक्ष्मण ओढ़े मलबा में नहीं मिला। उसकी खोजबीन जारी थी कि घटना स्थल से कुछ मीटर दूर लक्ष्मण ओढ़े दीपका खदान में फेंकाया हुआ मिला। उसे गंभीर चोटें आई थी। उसकी सांसें चल रही थी। लक्ष्मण ओढ़े को दीपका के नेहरू शताब्दी चिकित्सालय पहुंचाया गया। प्राथमिक इलाज के बाद कोरबा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। यहां बाहर रेफर किया गया है।

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इधर, घटना में तीन लोगों की मौत से नाराज ग्रामीणों ने हरदीबाजार के सरइसिंगार चौक पर करीब सात घंटे तक हंगामा किया। चक्काजाम कर प्रदर्शन किया। मृतकों के परिवार को 80- 80 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई। इसपर मामला शांत हुआ।
मारे गए तीनों युवक ग्राम बम्हनीकोना और डिंडोलभाठा के रहने वाले थे। युवक अपनी जरूरत के लिए खदान से अवैध तरीके से कोयला खनन कर रहे थे। इस बीच हादसे का शिकार हो गए थे। घटना के बाद से घर में मातम और गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मृत युवक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। साइकल से कोयला लेने गए थे।

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घायल लक्ष्मण मरकाम की इलाज के दौरान घटना के दिन ही हो गई थी मौत
गुरुवार की शाम लक्ष्मण मरकाम घायल अवस्था में मिला था, उसे हरदीबाजार अस्पताल में भर्ती किया गया था। यहां से लक्ष्मण को हायर सेंटर रेफर किया गया था। इलाज के दौरान लक्ष्मण मरकाम ने गुरुवार की देर रात दम तोड़ दिया था। बताया जाता है कि हवा के दबाव के कारण लक्ष्मण दूर फेंका गया था। उसके कंधे और कमर में गंभीर चोटें आई थी।

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