दो वार्ड का परिसीमन सवालों के घेरे में
दो ऐसेे वार्ड हैं जहां की जनसंख्या औसत से काफी कम है। इन दोनों ही वार्ड में अतिरिक्त मोहल्ले जोड़े जाने की संभावना थी। इसमें से एक वार्ड 15 छगविम क्रमांक 01 है जहां की जनसंख्या 4121 है। जबकि इसी से लगा दूसरा वार्ड क्रमांक 16 कोहडिय़ा में भी 4288 जनसंख्या है।
चार निकायों में भी नहीं बढ़े वार्ड, चौहद्दी बदली
जिले के अन्य चार निकाय कटघोरा व दीपका नगर पालिका, छुरी व पाली नगर पंचायत में परिसीमन के बाद वार्डों की संख्या नहीं बढ़ी है। हालांकि कई वार्डों की चौहद्दी जरूर बदली है। सबसे अधिक वार्ड दीपका में 21, कटघोरा में 15, छुरी व पाली में 15-15 वार्ड हैं। हालांकि बहुत ज्यादा फेरबदल इन वार्डों में नहीं किया गया है।
कांग्रेस की आपत्तियां भी दरकिनार
-वार्ड क्रमांक 17 में मानसनगर को काटकर अलग वार्ड में समाहित किया जाए।
-वार्ड क्रमांक 18 के परिसीमन (Ward Delimitation) में चेकपोस्ट को वार्ड से अलग किया जाए क्योंकि ये एरिया ढेंगुरनाला के उस पार है।
-राजीव नगर वार्ड 44 से गरम पानी क्षेत्र जुड़ा हुआ है अत: 44 में जोड़ा जाए। सीएसइर्बी ऑफिसर कॉलोनी को मिलाकर नया वार्ड बनाया जाए। परिसीमन (Ward Delimitation) के लिए जनसंख्या 2011 को आधार बनाया गया है कि लेकिन 5 साल में रिटायरमेंट के बाद कॉलोनी आधी खाली हो चुकी है।
-वार्ड 45 को दो हिस्सों में बांट दिया गया है राजीव नगर व गरम पानी को समाहित किया गया है इससे वार्ड में रोष है। कॉलोनीवासी वार्ड 45 में स्याहीमुड़ी, रामनगर, डांडपारा, मांझीपारा को जोड़कर एक ग्रामीण वार्ड बनाने मांग की थी।
-वार्ड क्रमांक 50 के हिस्से प्रेमनगर को काटकर एनटीपीसी से जोड़ दिया गया है। जबकि वहां बाउंड्रीवाल है ऐसे में क्षेत्र के लोगों को परेशानी होगी।
शिकायतें, जिनका नहीं हुआ निराकरण
वार्ड क्रमांक 8 इमलीडुग्गू
इमलीडुग्गू चौक हनुमान दरबार मोहल्ला एवं धनुहार मोहल्ला को वार्ड क्रमांक 9 में शामिल कर दिया गया है। वार्डवासियों ने मांग की है कि इसे वापस वार्ड क्रमांक 8 में शामिल किया जाए।
वार्ड क्र. 59 विकासनगर
वार्ड पार्षद सृष्टि सूर्यमुखी ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा था कि विकासनगर कुसमुंडा बी-वन से बी-40 तक परिसीमन के बाद वार्ड से अलग कर दिया गया है। जबकि इसी क्षेत्र में वार्ड पार्षद का निवास है। पार्षद ने शिकायत करते हुए कहा था कि मौका मुआयना व सर्वे किए बिना परिसीमन कर दिया गया है।
वार्ड 30, मानिकपुर
वार्ड पार्षद सीताराम चौहान ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि वार्ड में ढेलवाडीह बस्ती को जोड़ दिया गया है। जबकि मानिकपुर खदान के बाद ढेलवाडीह क्षेत्र आता है। ऐसे मेें इस क्षेत्र के लोगों को परेशानी होगी। इस क्षेत्र को पहले की तरह ही रखा जाए।
वार्ड 24, एमपीनगर
वार्ड पार्षद दिनेश वैष्णव ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा था कि वार्ड का नाम एमपीनगर है ऐसे में सिर्फ एमपीनगर ही इस वार्ड में हो। लेकिन परिसीमन के दौरान निगम ने एसईसीएल के कुछ इलाकों को इसमें जोड़ दिया गया है। बाद में उन कॉलोनी क्षेत्र में काम कराने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
दादरखुर्द बस्ती
सबसे अधिक दावा आपत्ति इसी बस्ती से आई थी। वार्ड पार्षद, दादरखुर्द विकास समिति ने शिकायत की थी कि पिछली बार परिसीमन में निगम ने दादरखुर्द जैसे बड़े गांव को दो भाग में अलग-अलग कर मानिकपुर व खरमोरा में जोड़ दिया गया था। इस बार इन बस्ती के भी छोटे-छोटे हिस्से कर दिए गए हैं। इस वजह से भौगोलिक परिस्थिति बदल गई है।