युवक कांग्रेसियों द्वारा सरकार पर आरोप लगाते हुए प्रदेश से अब तक 15 हजार महिलाओं के गायब व पलायन पर कोई कार्रवाई ना करने, पेट्रोल-डीजल के दामों में बेहतहाशा वृद्धि व जीएसटी के दायरे में लाने के लिए, कोरबा शहर में प्रदूषण का स्तर कम करने, जंगलों में हाथी व भालू से होने वाले घटनाओं को कम करने, प्राइवेट स्कूलों मं मकमानी पर नकेल कसने, शहर में अघोषित बिजली कटौती, बैंकों व एटीएम में कैश की समस्या सहित माओवादी घटना को लेकर सरकार के उचित कदम उठाने की मांग को लेकर सुभाष चौक से रैली निकालकर युकांईयों ने जमकर
शक्ति प्रदर्शन किया।
एक बेरिकेट्स तोड़कर आगे बढ़ रहे युकांईयों पर वाटर केनन की बौछार की गई। युकांईयों के प्रदर्शन को देखते हुए कोसाबाड़ी चौक में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
युकाईंयों ने केन्द्र व राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में शामिल करने एवं महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार को लेकर युकांईयों ने सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला। जिसके बाद युकांई अधिक संख्या में कलेक्टोरेट का घेराव करने निकले। जिन्हें रोकने के लिए कोसाबाड़ी में दो तरफ बेरिकेट्स बनाए गए थे। एक बेरिकेट्स को तोड़कर युकांई आगे बढ़ गए।
दूसरा बेरिकेट्स तोडऩे का प्रयास कर रहे युकांईयों के साथ पुलिस जवानों के साथ हल्की नोंकझोंक भी हुई। पुलिस ने सभी पर वाटर केनन से बौछार की। जिसके बाद भीड़ तितर-बितर हो गई। घेराव में मुख्य रूप से रामपुर विधायक श्यामलाल कंवर, युकां राष्ट्रीय सचिव व छत्तीसगढ़ प्रभारी संदीप वाल्मिकि, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष युवा कांग्रेस श्यामनारायण सोनी, प्रदेश महासचिव अशरफ हुसैन, प्रदेश महासचिव शेख मुसीर, जिला प्रभारी सजमन बाघ, युकां जिलाध्यक्ष नितिन चौरसिया, अभय तिवारी, प्रदीप राय व काफी संख्या में पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
पांच घंटे सड़क डायवर्ट, दो किलोमीटर घूमकर जाना पड़ा
युकांईयों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन द्वारा एक दिन पहले ही कोसाबाड़ी चौक, वन विभाग कार्यालय और एसपी कार्यालय के सामने बेरिकेटिंग कर दी गई थी।
बुधवार की सुबह नौ बजे से दोनों तरफ सड़क पर आवागमन बंद कर रूट को डायवर्ट कर दिया गया था। वाहन चालकों को कोसाबाड़ी से पोड़ीबहार के रास्ते जिला चिकित्सालय से श्रम कार्यालय रामपुर से होते हुए आईटीआई चौक तक पहुंचे। पोड़ीबहार मार्ग संकरा होने की वजह से सड़क पर जाम की स्थिति रही। सबसे अधिक परेशानी कोसाबाड़ी क्षेत्र के निजी अस्पतालों में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को हुई।