scriptनहर पर बने एक्वाडक के तटबंध के टूटने से तीन बस्तियों में भरा पानी, 50 से ज्यादा मकान डूबे | Water filled in three settlements due to the breach of the embankment | Patrika News

नहर पर बने एक्वाडक के तटबंध के टूटने से तीन बस्तियों में भरा पानी, 50 से ज्यादा मकान डूबे

locationकोरबाPublished: Aug 10, 2022 07:54:03 pm

Submitted by:

CHOTELAL YADAV

कोरबा. हसदेव बांगो परियोजना की बायीं नहर की लाइनिंग में बने एक्वाडक का तटबंध बुधवार की अलसुबह पांच बजे टूट गया। नहर का पानी एक्वाडक के नीचे से होकर आसपास की तीन बस्तियों में भरने लगा। इससे बस्तियों में आपाधापी मच गई। सूचना पर पहुंचे निगम अमले ने लोगों को रेस्क्यू कर सामुदियक केन्द्र तक पहुंचाया।

नहर पर बने एक्वाडक के तटबंध के टूटने से तीन बस्तियों में भरा पानी, 50 से ज्यादा मकान डूबे

नहर पर बने एक्वाडक के तटबंध के टूटने से तीन बस्तियों में भरा पानी, 50 से ज्यादा मकान डूबे

सिंचाई विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दर्री बरॉज से दांयी और बायीं नहर से जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिले तक सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति की जाती है। बायीं तट नहर सीतामणी से होते हुए गुजरी है। नहर के बीच में एक्वाडक का निर्माण किया गया है।

नहर के ओवरफ्लो होने पर पानी एक्वाडक की लाइन से नाले में गिरता है। इसी एक्वाडक का एक बड़ा हिस्सा बुधवार को टूट गया। नहर का पानी एक्वाडक के दोनों ओर से बहते हुए सीतामणी क्षेत्र से लगे इमलीडुग्गू, बंसोड़ मोहल्ला और खंडाला बस्ती में भरने लगा। सुबह जब लोग सो रहे थे तभी पानी घरों के भीतर घुसने लगा। लोग हड़बड़ा गए। आपाधापी मच गई। लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि पानी कहां से आ रहा है।

सबको लगा कि पानी हसदेव नदी से बस्ती में पहुंच रहा है। सुबह होने पर लोगों ने देखा कि बायीं तट नहर के पास लाइनिंग क्षतिग्रस्त हो गई है। सूचना मिलने पर निगम और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। बस्तियों से लोगों को रेस्क्यू कर सामुदायिक भवन तक पहुंचाया गया।

50 मकान प्रभावित, राशन और फर्नीचर हुए खराब
तीनों बस्तियों के करीब ५० मकान में पांच से छह फीट तक पानी भर गया था। सुबह पांच बजे से लेकर दोपहर १२ बजे तक मकान पानी में आधा डूबे रहे। दरअसल पानी निकासी की किसी तरह व्यवस्था नहीं थी। पानी धीरे-धीरे कर कम हुआ। तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। इधर मकानों में राशन सामग्री और फर्नीचर को अधिक नुकसान पहुंचाया है। इसे लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

0 मछली लेने लोगों की भीड़ उमड़ी, पुलिस ने खदेड़ा
इधर एक्वाडक के हिस्से के टूटने के बाद नहर में पानी बंद किया गया। नहर में पानी कम होते ही मछली पकडऩे के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। सीतामणी मुख्य मार्ग पर लंबा जाम लग गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगोंं को मौके से खदेड़ा।

जांजगीर-चांपा और रायगढ़ के किसान परेशान
इधर जांजगीर-चांपा और रायगढ़ के खेतों को बायीं तट नहर से पानी मिलता है। सिंचाई विभाग ने अभी पानी बंद कर दिया है। सुबह तक साढ़े तीन हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। मरम्मत होने तक पानी की आपूर्ति बंद रहेगी। तब तक खेतों की सिंचाई के लिए किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

शुक्र है नहर लाइनिंग नहीं टूटी
तटबंध के टूटने की खबर मिलने के बाद हड़बड़ाए सिंचाई विभाग के अफसरों ने उस समय राहत की सांस ली जब मौके पर नहर के बजाए एक्वाडक का हिस्सा टूटा हुआ मिला। अगर नहर का तटबंध टूटता तो सीतामणी क्षेत्र का काफी हिस्सा डूब जाता।

टूटी नहरों पर आंख बंद करना भारी पड़ रहा
सिंचाई विभाग द्वारा नहर लाइनिंग की मरम्मत करने में जमकर मनमानी की जा रही है। शहर के बीच से गुजरने वाली इस नहर के दोनों तरफ के हिस्से जगह-जगह से टूट चुके हैं। कई बार मरम्मत में लाखों फूंका जा चुका है उसके बाद भी मरम्मत कुछ महीने में धराशाही हो जाता है। मुख्य नहर, छोटी नहर, पुल, बरॉज और एक्वाडक जर्जर स्थिति में थे। सिंचाई सीजन शुरु होने से पहले गर्मी में आवश्यक मरम्मत करानी जरुरी होती है, लेकिन इस बार मरम्मत नहीं कराना भारी पड़ गया।

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